इस देश में पुरुषों का पड़ा अकाल, महिलाएं एक घंटे के लिए किराए पर ले रही 'पति', जानें क्यों कम हो रहे पुरुष?
लातविया अपनी खूबसूरत और समझदार महिलाओं के लिए दुनिया भर में मशहूर है, लेकिन यही सुंदरियां आज अजीबोगरीब समस्या से जूझ रही हैं. देश में पुरुषों की भारी कमी हो गई है. आंकड़े बताते हैं कि लातविया में महिलाएं पुरुषों से ज्यादा पढ़ी-लिखी, स्वस्थ और लंबी उम्र जीती हैं.
यूरोप का छोटा सा देश लातविया अपनी खूबसूरत और समझदार महिलाओं के लिए दुनिया भर में मशहूर है, लेकिन यही सुंदरियां आज अजीबोगरीब समस्या से जूझ रही हैं. देश में पुरुषों की भारी कमी हो गई है. आंकड़े बताते हैं कि लातविया में महिलाएं पुरुषों से ज्यादा पढ़ी-लिखी, स्वस्थ और लंबी उम्र जीती हैं. नतीजा यह कि कई युवा पुरुष बेहतर नौकरी और जीवन की तलाश में विदेश भाग रहे हैं, जिससे घर पर रह गईं स्मार्ट और सिंगल महिलाओं के लिए पार्टनर ढूंढना मुश्किल हो गया है.
इस अनोखी समस्या का हल भी महिलाओं ने खुद ही निकाला है. वे अब 'एक घंटे का पति' किराए पर ले रही हैं. जी हां, रीगा और अन्य शहरों में कई कंपनियां ऐसी सर्विस चला रही हैं, जहां महिलाएं फोन या ऑनलाइन बुकिंग करके कुछ यूरो में 'सुनहरे हाथों वाला आदमी' घर बुला सकती हैं. ये किराए के 'पति' प्लंबिंग ठीक करना, टीवी लगाना, फर्नीचर असेंबल करना, बल्ब बदलना या कोई भी घरेलू काम सिर्फ एक-दो घंटे में निपटा देते हैं.
60 मिनट के अंदर घर पहुंच जाती है ज्यादातर सर्विस
ज्यादातर सर्विस 60 मिनट के अंदर घर पहुंच जाती है. लातविया की मशहूर लेखिका और कॉलमिस्ट डेस रुक्साने ने इस स्थिति पर खुलकर बात की है. उन्होंने कहा, 'सबसे होशियार और सबसे खूबसूरत लड़कियां अकेली रह जाती हैं. वे ऐसे पार्टनर चाहती हैं जो उनकी बराबरी कर सके – पढ़ाई में, करियर में, सोच में. लेकिन ऐसे पुरुष यहां मिलते ही नहीं.' आंकड़े वाकई चौंकाने वाले हैं.
पुरुषों की औसत उम्र महिलाओं से लगभग 10 साल कम
लातविया में 100 महिलाओं के पीछे सिर्फ 84-85 पुरुष हैं. 50 साल से ऊपर की उम्र में यह अंतर और बढ़ जाता है. शराब, धूम्रपान और खराब जीवनशैली की वजह से लातवियाई पुरुषों की औसत उम्र महिलाओं से लगभग 10 साल कम है. नतीजतन, कई सफल और आत्मनिर्भर महिलाएं अकेलेपन का शिकार हो रही हैं. हालांकि ये 'किराए का पति' सिर्फ घरेलू कामों के लिए है, फिर भी सोशल मीडिया पर यह ट्रेंड खूब वायरल हो रहा है.
'एक घंटे के पति' के साथ खुश महिलाएं
कई महिलाएं मजाक में कहती हैं, 'शादी तो दूर, कम से कम नल ठीक करवाने वाला तो मिल गया!' कुछ का मानना है कि यह सर्विस महिलाओं को सशक्त भी बना रही है, क्योंकि उन्हें किसी पुरुष पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं पड़ती. फिलहाल लातविया की ये सुंदरियां अपने करियर, दोस्तों और किराए के 'एक घंटे के पति' के साथ खुश हैं, लेकिन असली जीवनसाथी की तलाश अभी भी जारी है.
इस कमी के पीछे उच्च पुरुष मृत्यु दर को भी बताया जा रहा है, जहां पुरुष कम उम्र में ही मर जाते हैं और आत्महत्या करने की संभावना चार गुना ज़्यादा होती है. देश की औसत आयु 44 वर्ष है, मृत्यु दर प्रति 1,000 पर 14.9 है और आत्महत्या करने वालों में 80 प्रतिशत से ज़्यादा पुरुष होते हैं.