10 साल तक मरी हुई मां के साथ रह रहा था शख्स, टॉयलेट में मिला कंकाल, बेटे ने बताया क्यों किया ऐसा?

जापान से एक हैरान करने वाली खबर सामने आई है, जहां एक व्यक्ति अपनी मृत मां के शव के साथ 10 साल तक एक ही घर में रहा. यह मामला मध्य जापान के ह्योगो प्रांत के कोबे शहर में सामने आया. 54 साल के ताकेहिसा मियावाकी नाम के इस व्यक्ति ने अपनी 95 साल की मां की मौत के बाद उनके शव को फ्लैट में छिपाकर रखा.

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Man Hides Dead Mother: जापान से एक हैरान करने वाली खबर सामने आई है, जहां एक व्यक्ति अपनी मृत मां के शव के साथ 10 साल तक एक ही घर में रहा. यह मामला मध्य जापान के ह्योगो प्रांत के कोबे शहर में सामने आया. 54 साल के ताकेहिसा मियावाकी नाम के इस व्यक्ति ने अपनी 95 साल की मां की मौत के बाद उनके शव को फ्लैट में छिपाकर रखा. पुलिस को तलाशी के दौरान टॉयलेट में मां का कंकाल मिला, जिसने सभी को चौंका दिया.

10 साल तक मरी हुई मां के साथ रह रहा था शख्स

ताकेहिसा ने पुलिस को बताया कि उनकी मां की मौत लगभग एक दशक पहले हो गई थी, लेकिन उन्होंने सामाजिक भय यानी सोशल एंग्जायटी के कारण इसकी सूचना किसी को नहीं दी. बेरोजगार ताकेहिसा ने बताया कि उन्हें डर था कि लोग उनकी मां की मृत्यु के बारे में पूछताछ करेंगे, जिससे वह घबरा जाते थे. इस वजह से उन्होंने शव को फ्लैट में ही रखा और अंतिम संस्कार नहीं किया. रिपोर्ट के अनुसार पुलिस ने इस शख्स को अपनी मां के शव को बिना अंतिम संस्कार किए फ्लैट में छिपाकर रखने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया है.

टॉयलेट में मिला कंकाल

यह मामला तब सामने आया जब एक लोक सेवक ने ताकेहिसा को सड़क पर लंगड़ाते हुए देखा और संदेह होने पर पुलिस को सूचना दी. पुलिस ने फ्लैट की तलाशी ली तो टॉयलेट से कंकाल बरामद हुआ. जांच में पता चला कि मां की मृत्यु प्राकृतिक कारणों से हुई थी और ताकेहिसा ने कोई अपराध नहीं किया था. हालांकि शव को छिपाने के इस व्यवहार ने जापान में सामाजिक अकेलेपन और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं पर सवाल उठाए हैं.

ताकेहिसा की कहानी ने लोगों को किया हैरान

जापान में पहले भी ऐसी घटनाएं सामने आ चुकी हैं, जहां लोग आर्थिक तंगी या सामाजिक दबाव के कारण अपनों के शव को छिपाते हैं. ताकेहिसा की कहानी ने न केवल लोगों को हैरान किया, बल्कि यह भी सोचने पर मजबूर किया कि समाज में अकेलापन और मानसिक स्वास्थ्य कितनी बड़ी चुनौती बन रहे हैं. इस घटना ने जापान में अंतिम संस्कार की लागत और सामाजिक अलगाव जैसे मुद्दों पर भी चर्चा छेड़ दी है.