नई दिल्ली: वेडिंग सीजन चल रहा है और लोगों के मोबाइल पर लगातार शादी के डिजिटल कार्ड आ रहे हैं लेकिन इसी खुशगवार माहौल का फायदा उठाकर साइबर ठग अब एक नया जाल बिछा रहे हैं. देशभर से ऐसी शिकायतें सामने आ रही हैं जिनमें अंजान नंबर से भेजे गए डिजिटल वेडिंग इनविटेशन कार्ड दरअसल एक खतरनाक '.apk' फाइल होती है.
जैसे ही कोई व्यक्ति इस फाइल को इनविटेशन ऐप समझकर इंस्टॉल करता है, उसके मोबाइल का एक्सेस साइबर अपराधियों के हाथ में चला जाता है और मिनटों में बैंक खाता खाली हो जाता है. गुरुग्राम पुलिस ने इसे लेकर लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है.
साइबर क्राइम अधिकारियों के अनुसार ठग इन दिनों वॉट्सऐप पर डिजिटल वेडिंग कार्ड या किसी अन्य बहाने से '.apk' फाइल भेजते हैं. यह फाइल एंड्रॉइड ऐप इंस्टॉल करने का फॉर्मेट है. जैसे ही यूजर इसे इंस्टॉल करता है, उसके फोन में रिमोट एक्सेस ऐप अपने आप डाउनलोड हो जाती है. इसके जरिए ठग फोन की हर गतिविधि देख सकते हैं. फोन में आने वाले संदेश, बैंकिंग ऐप, ओटीपी और ट्रांजैक्शन तक सब कुछ उनकी नजर में पहुंच जाता है. बिना ओटीपी मांगे वे पीड़ित का बैंक खाता साफ कर देते हैं.
गुरुग्राम पुलिस के एसीपी साइबर क्राइम प्रियांशु दीवान ने बताया कि ऐसे अधिकतर मामले झारखंड के जामताड़ा जैसे साइबर हॉटस्पॉट से संचालित होते हैं. अपराधी अलग-अलग नंबरों से शादी के कार्ड भेजकर यूजर्स को लुभाते हैं. लिंक या फाइल पर क्लिक करते ही ठगी की शुरुआत हो जाती है. पुलिस ने चेतावनी दी है कि किसी भी अंजान लिंक, हाइपरलिंक या '.apk' फाइल को तुरंत डिलीट करें और कभी डाउनलोड न करें.
पुलिस ने लोगों को सुरक्षित रहने के लिए कुछ जरूरी सावधानियां बताई हैं. किसी भी संदिग्ध फाइल या लिंक को खोलने से बचें. मोबाइल पर आने वाले डिजिटल वेडिंग कार्ड को तभी खोलें जब वह विश्वसनीय व्यक्ति द्वारा भेजा गया हो. किसी भी ऐप को केवल गूगल प्ले स्टोर या एप्पल ऐप स्टोर से ही डाउनलोड करें. यदि किसी तरह की ठगी होती है तो तुरंत साइबर हेल्पलाइन 1930 पर शिकायत करें.