महाराष्ट्र में हेलमेट के अंदर निकला कोबरा! वाइल्डलाइफ एक्सपर्ट ने बचाई जान

महाराष्ट्र से एक वीडियो सामने आया है जिसने सबको चौंका कर रख दिया. हेलमेट के अंदर कोबरा सवारी करने की कोशिश करता नजर आया.

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Ashutosh Rai

नई दिल्लीः महाराष्ट्र से एक वीडियो सामने आया है जिसने सबको चौंका कर रख दिया. हेलमेट के अंदर कोबरा सवारी करने की कोशिश करता नजर आया. इस बेहद जहरीले सांप को बाद में एक वाइल्डलाइफ एक्सपर्ट ने बचाया और जंगल में छोड़ दिया.

इसका वीडियो देख कई लोग चौंक गए और बोले कि यह जहरीला सांप ऐसी जगह कैसे घुस गया. कोबरा को 'नाग' भी कहते हैं और यह भारत में पाया जाने वाला एक प्रसिद्ध और विषैला सांप है, जो अपनी सांस्कृतिक प्रासंगिकता और चश्मे के निशान से पहचाना जाता है.

पड़ोसियों की भीड़ मौके पर जमा

यह घटना नागपुर के मानव सेवा नगर इलाके में बुधवार को मिताली चतुर्वेदी के घर पर हुई. दोपहर करीब 2 बजे, घर के अंदर रखे एक हेलमेट से एक अजीब फुफकारने की आवाज सुनाई दी. पास से देखने पर परिवार यह देखकर हैरान रह गया कि सांप अंदर था. जैसे ही यह बात फैली, सांप को देखने के लिए उत्सुक पड़ोसियों की भीड़ मौके पर जमा हो गई.

सांप विशेषज्ञ ने बचाया

स्थानीय संगठन 'वाइल्ड एनिमल्स एंड नेचर हेल्पिंग सोसाइटी' के वाइल्डलाइफ एक्सपर्ट को बुलाया गया, जिन्होंने सांप को सुरक्षित रूप से बचाया और बाद में उसे जंगल में उसके प्राकृतिक आवास में छोड़ दिया. सामने आए वीडियो में दिख रहा है कि जब एक्सपर्ट को बचाने की कोशिश कर रहे थे, तो सांप हेलमेट की कपड़े की लाइनिंग के अंदर छिपा हुआ था.

कोबरा सांप

कोबरा सांप को 'नाग' या 'नागराज' भी कहते हैं, खासकर भारतीय कोबरा को जो अपने फन के पीछे चश्मे के निशान के लिए जाना जाता है. भारत की "चार बड़ी" विषैली प्रजातियों में से एक है. यह भारतीय संस्कृति और पौराणिक कथाओं में पूजनीय है और सपेरों द्वारा बजाई जाने वाली पुंगी (बीन) के साथ अक्सर देखा जाता है, लेकिन किंग कोबरा (King Cobra) अलग है और दुनिया का सबसे लंबा विषैला सांप है, जो मुख्य रूप से दूसरे सांपों को खाता है.

मुख्य बिंदु:

सामान्य नाम: नाग, नागराज, चश्मे वाला कोबरा (Spectacled Cobra).
प्रजाति: नाजा नाजा.
विशेषता: इसके फन पर 'चश्मे' जैसा निशान होता है, और यह भारत में सर्पदंश के सबसे आम कारणों में से एक है.
सांस्कृतिक महत्व: हिंदू धर्म और लोककथाओं में इसका बहुत सम्मान है और इसे संरक्षित प्रजाति माना जाता है.