पलक झपकी तो मिस कर देंगे यह पल! 2 सेकंड में 700 km/h की स्पीड वाली चीन की मैग्लेव ट्रेन की VIDEO VIRAL

टेस्ट चीन की नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ डिफेंस टेक्नोलॉजी ने 400 मीटर के ट्रैक पर किया, जहां एक टन (लगभग 1,000 kg) वजन वाली ट्रेन को इस हैरान कर देने वाली स्पीड तक पहुंचने के बाद सुरक्षित रूप से रोक दिया गया

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Ashutosh Rai

नई दिल्ली : अगर आप स्पीड के शौकीन और सफर करने का आनंद लेते हैं, तो यह खबर आपके लिए है. चीन की मैग्लेव ट्रेन का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इस वीडियो में लोग कैमरा लगाकर ट्रेन का इंतजार कर रहे हैं. वीडियो में देखा जा सकता है कि पलक झपकते ही ट्रेन गायब हो गयी.

इस वीडियो के बाद लोग चीन की टेक्नोलॉजी और उसकी बढ़त की वाहवाही कर रहे हैं. इस 15 सेकंड की वीडियो ने सोशल मीडिया पर आतंक मचा दिया है. इस ट्रेन से 700 km/h की स्पीड से शहरों के बीच सफ़र में घंटों के बजाय बस कुछ मिनट लग सकते हैं. 

साइंस-फिक्शन फ़िल्म से निकली हुई लगती है ट्रेन
यह टेस्ट चीन की नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ डिफेंस टेक्नोलॉजी ने 400 मीटर के ट्रैक पर किया, जहां एक टन (लगभग 1,000 kg) वजन वाली ट्रेन को इस हैरान कर देने वाली स्पीड तक पहुंचने के बाद सुरक्षित रूप से रोक दिया गया. इसे गुज़रते हुए देखना एक लगभग अवास्तविक नज़ारा है.

एक सिल्वर लाइन जो सीधे किसी साइंस-फिक्शन फ़िल्म से निकली हुई लगती है और जिसके पीछे दशकों की चीनी इंजीनियरिंग है. इस ट्रेन से एक ऐसे भविष्य की झलक दिख रही है जहां शहर बस कुछ ही मिनट की दूरी पर होंगे.

इसका ऑपरेशन विपरीत मैग्नेटिक फ़ील्ड पर निर्भर करता है. सुपरकंडक्टिंग मैग्नेट ट्रेन को बिना किसी हिस्से के रेल को छुए ऊपर उठाते हैं और आगे बढ़ाते हैं. एक शानदार स्मूथ मूवमेंट, लगभग बिना आवाज़ के, जो पारंपरिक रेल की सीमाओं के साथ-साथ ग्रेविटी को भी चुनौती देने का एहसास कराता है.

एक दशक की रिसर्च का फायदा
इस कामयाबी के पीछे की टीम ने इस सिस्टम को डेवलप करने में 10 साल लगाए. इससे पहले जनवरी में यह ट्रेन 648 km/h की स्पीड तक पहुंची थी, जिससे इस रिकॉर्ड का रास्ता बना.

लगभग तीन दशक पहले, यूनिवर्सिटी ने चीन की पहली इंसानों वाली सिंगल-बोगी मैग्लेव ट्रेन बनाई थी, जिससे चीन इस टेक्नोलॉजी में मास्टरी हासिल करने वाला दुनिया का तीसरा देश बन गया.