कूनो नेशनल पार्क से निकलकर सड़क पर सैर करने लगा अफ्रीकी चीता, भौकाल देख डर गए लोग, Video में देखें कैसे काटा गदर
Viral Video: सोशल मीडिया पर एक वीडियो सामने आया है. इस वीडियो में एक चीता रात के अंधेरा पर सड़क पर चलता दिख रहा है. बताया जा रहा है मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क से निकलकर चीता सड़क पर आया.

Viral Video: कूनो नेशनल पार्क, मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले में स्थित एक प्रमुख अभ्यारण्य है, जहां हाल ही में एक चीते ने शहर की सड़कों पर दौड़ते हुए लोगों को हैरान कर दिया. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें चीता रात के अंधेरे में सड़क पर दौड़ता हुआ नजर आ रहा है.
कूनो नेशनल पार्क के अधिकारियों के अनुसार, यह चीता चार दिन पहले पार्क से बाहर निकला था और श्योपुर शहर के पास पहुंच गया था. इस दौरान, चीता ने शहर के विभिन्न हिस्सों में यात्रा की और रात के समय सड़कों पर दौड़ते हुए देखा गया. यह घटना तब सामने आई जब चीते ने वीर सावरकर स्टेडियम के पास से यात्रा की और कई अन्य स्थानों को पार किया.
वायरल हुआ Video
कहा जा रहा है कि चीता ने अपनी भूख को शांत करने के लिए एक मादा कुत्ते का शिकार किया, जिससे उसकी तात्कालिक भूख पूरी हुई. मंगलवार से बुधवार की रात, चीते को श्योपुर शहर के वीर सावरकर स्टेडियम के पास देखा गया था. इसके बाद, वह फिर से श्योपुर के बाहर स्थित बेला भीमलत गांव की ओर बढ़ा. कूनो नेशनल पार्क की ट्रैकिंग टीम लगातार चीते की स्थिति पर नजर बनाए हुए थी.
चीते ने बुधवार सुबह बेला भीमलत गांव के पास अपनी मौजूदगी दर्ज कराई, और इसके बाद वह बावंड़ा नाला के रास्ते से होकर पुनः जंगल की ओर लौटने की योजना बना रहा है. यह क्षेत्र कूनो वन विभाग के सामान्य वन और बफर जोन से सटा हुआ है. कयास लगाए जा रहे हैं कि अब चीता जल्द ही कूनो के जंगलों में वापस लौट सकता है.
कूनो पार्क में दो चीते, आग्नी और वायु, को हाल ही में खुले जंगल में छोड़ा गया था. ये दोनों भाई हैं और हमेशा एक साथ रहते हैं. दोनों मिलकर शिकार करते हैं और अपने शिकार को बांटते हैं.
कूनो नेशनल पार्क के अधिकारियों ने क्या कहा?
कूनो नेशनल पार्क के डीएफओ, आर थिरुक्कुरल, ने इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि चीते की स्थिति के बारे में हम ज्यादा जानकारी नहीं दे सकते, क्योंकि यह एक जंगली जानवर है और वह अपनी सुविधा के अनुसार अपना खाना और स्थान चुनता है. हमारे ट्रैकिंग टीमें 24 घंटे इसकी निगरानी कर रही हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि चीता सुरक्षित तरीके से जंगल में लौटे.