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Assam Muslim Marriage Act: गले की हड्डी था मुस्लिम मैरिज एक्ट! किसे होंगे फायदे, क्या बदल जाएगा?

Assam Muslim Marriage Act: असम मुस्लिम विवाह और तलाक पंजीकरण अधिनियम, 1935, एक अनूठा कानून था जो सिर्फ असम में रहने वाले मुस्लिम समुदाय पर लागू होता था. ब्रिटिश शासन के दौरान बनाए गए इस अधिनियम में मुस्लिम विवाहों और तलाक के पंजीकरण को नियंत्रित किया गया था. हालांकि, 24 फरवरी, 2024 को असम सरकार ने इस अधिनियम को पूरी तरह से निरस्त करने का एक महत्वपूर्ण फैसला लिया. इस अधिनियम में बाल विवाह को रोकने के लिए प्रभावी उपायों की कमी थी, जो असम में एक गंभीर मुद्दा है. विवाह के लिए न्यूनतम आयु का अभाव कम उम्र की लड़कियों को असुरक्षित बनाता था. अन्य समुदायों की तुलना में सिर्फ मुसलमानों पर लागू होने वाला यह अधिनियम भेदभाव की भावना पैदा करता था, जो समान अधिकारों और अवसरों के बारे में चिंताएं पैदा करता था. सरकार इस निरस्तीकरण को सभी धर्मों के लिए लागू एक समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लागू करने की दिशा में एक कदम के रूप में देखती है. हालांकि इस फैसले ने विवाद खड़ा कर दिया है, कुछ मुस्लिम संगठनों का मानना है कि इस कानून के रद्द होने से उनके धार्मिक अधिकारों और समुदाय-विशिष्ट प्रथाओं का उल्लंघन हो रहा है.

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