UPI PIN free: अब बिना पिन डाले भी कर सकेंगे UPI पेमेंट, धोखाधड़ी से बचाएंगे फेस और फिंगरप्रिंट
भारत में डिजिटल पेमेंट सिस्टम UPI जल्द ही और आसान व सुरक्षित बनने जा रहा है. अब लेनदेन के लिए पिन डालने की जरूरत नहीं पड़ेगी. इसकी जगह चेहरा या फिंगरप्रिंट स्कैन से पेमेंट ऑथेंटिकेशन हो सकेगा.
UPI PIN free: देश में डिजिटल पेमेंट का चेहरा बदलने वाली UPI अब एक और बड़ा कदम उठाने जा रही है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब UPI लेनदेन में सुरक्षा और सुविधा दोनों बढ़ाने के लिए ‘फेस और फिंगरप्रिंट ऑथेंटिकेशन’ की सुविधा दी जा सकती है.
इसका मतलब है कि जल्द ही उपभोक्ताओं को भुगतान करते समय पिन डालने की जरूरत नहीं होगी, बल्कि उनका चेहरा या फिंगरप्रिंट ही उनकी पहचान साबित करेगा.
पिन का झंझट खत्म
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) UPI में बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन लाने की तैयारी में है. इस नई सुविधा के तहत उपयोगकर्ता अपने स्मार्टफोन या डिवाइस में मौजूद फिंगरप्रिंट सेंसर या फेस रिकग्निशन फीचर के जरिए पेमेंट को अप्रूव कर सकेंगे. यह फीचर आधार से जुड़े बायोमेट्रिक डेटा पर आधारित होगा, जिससे किसी भी धोखाधड़ी की संभावना कम होगीय सूत्रों का कहना है कि यह सुविधा अक्टूबर के दूसरे सप्ताह में शुरू हो सकती है.
सुरक्षा और स्पीड दोनों पर रहेगा फोकस
पिन डालने की तुलना में बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन न केवल तेज होगा बल्कि ज्यादा सुरक्षित भी माना जा रहा है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) पहले ही डिजिटल ट्रांजैक्शन में वैकल्पिक ऑथेंटिकेशन तरीकों की अनुमति दे चुका है. इस कदम का मकसद सुरक्षा मानकों को मजबूत करना और उपभोक्ताओं को एक सहज अनुभव देना है. विशेषज्ञों का कहना है कि बायोमेट्रिक सिस्टम से न केवल लेनदेन में तेजी आएगी बल्कि फ्रॉड के मामलों में भी कमी होगी.
NPCI ग्लोबल फिनटेक फेस्टिवल में दिखाएगा नया सिस्टम
NPCI, जो UPI प्लेटफॉर्म का संचालन करता है, मुंबई में चल रहे ग्लोबल फिनटेक फेस्टिवल में इस फीचर का डेमो दिखा सकता है. हालांकि अभी इसकी औपचारिक घोषणा नहीं की गई है, लेकिन उम्मीद की जा रही है कि इस आयोजन के दौरान UPI का 'पिन-फ्री' भविष्य सामने आएगा. यह बदलाव भारत के डिजिटल फाइनेंस इकोसिस्टम में एक बड़ा कदम माना जा रहा है.
डिजिटल इंडिया की दिशा में एक और बड़ा कदम
UPI के जरिए भारत ने पहले ही दुनिया को डिजिटल भुगतान का एक मॉडल दिया है. अब बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन फीचर जोड़कर यह सिस्टम और भी उन्नत बनने जा रहा है. सरकार और बैंकिंग संस्थान इसे 'सिक्योर, स्मार्ट और सस्टेनेबल पेमेंट' की दिशा में क्रांतिकारी बदलाव मान रहे हैं. इसका उद्देश्य सिर्फ सुविधा बढ़ाना नहीं बल्कि एक ऐसा डिजिटल इकोसिस्टम बनाना है जहां धोखाधड़ी की संभावना लगभग शून्य हो.
अगर सब कुछ तय योजना के अनुसार हुआ, तो कुछ ही दिनों में लोग सिर्फ अपने चेहरे या उंगली के निशान से पेमेंट कर पाएंगे. यह बदलाव भारत के डिजिटल भविष्य की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हो सकता है- जहां न नकद की जरूरत होगी, न पिन की.
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