EPFO Rules 2025: जिनकी नौकरी अचानक किसी वजह से छूट गई है उन्हें पैसों की चिंता अब थोरी कम होगी. पीएफ निकाली नियमों में सरकारी ने बड़े बदलाव किए हैं. केंद्रीय युवा मामले एवं खेल, तथा श्रम एवं रोजगार मंत्री मनसुख मंडाविया ने बुधवार को कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के नियमों में प्रमुख छूटों के बारे में विस्तार से बताया, जिसका उद्देश्य कर्मचारियों के लिए ईपीएफ निकासी को आसान बनाना है.
संशोधित दिशानिर्देशों के तहत, नौकरी छूटने पर कर्मचारी अब अपने ईपीएफ बैलेंस का 75% तुरंत निकाल सकते हैं, जबकि शेष 25% एक साल बाद निकाला जा सकेगा. इससे यह सुनिश्चित होता है कि कर्मचारी की 10 साल की सेवा अवधि पर कोई असर नहीं पड़ेगा.
मंडाविया ने कहा, '...ईपीएफ निकासी अब आसान बना दी गई है... अगर किसी की नौकरी चली जाती है, तो 75% राशि तुरंत निकाली जा सकेगी, और एक साल बाद पूरी राशि निकालने की सुविधा उपलब्ध होगी. एक साल के लिए 25% राशि रखने के पीछे विचार यह है कि 10 साल की सेवा अवधि बाधित न हो. इन नए सुधारों से कर्मचारी की सेवा निरंतरता बनी रहेगी, और पेंशन मिलने से उनकी सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित होगी.'
सरकार ने नौकरी छूटने के बाद ईपीएफ राशि निकालने की अवधि को दो महीने से बढ़ाकर एक वर्ष कर दिया है, जिससे कर्मचारियों को सेवा निरंतरता बनाए रखते हुए नई नौकरी पाने के लिए अधिक समय मिल सकेगा.
सामाजिक सुरक्षा कवरेज को व्यापक बनाने के एक अन्य कदम के तहत, जिन प्रतिष्ठानों ने पहले ईपीएफओ में योगदान नहीं किया है, वे अब मामूली जुर्माने के साथ नामांकन करा सकते हैं, जिससे अधिक श्रमिकों को लाभ प्राप्त करने में सहायता मिलेगी.
दूरदराज के क्षेत्रों में वरिष्ठ नागरिकों और लाभार्थियों को सहायता प्रदान करने के लिए, ईपीएफओ ने डाक सेवाओं के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं, जिससे घर-आधारित प्रमाणीकरण और जीवन प्रमाण पत्र जारी करने में सुविधा होगी, जिससे लाभार्थियों को ईपीएफओ कार्यालयों में व्यक्तिगत रूप से जाने की आवश्यकता कम हो जाएगी.