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केंद्र ने जारी की नई गाइडलाइंस, अस्‍पतालों को पहले बताना होगा वेंट‍िलेटर का खर्चा

सरकार ने निजी अस्पतालों के लिए वेंटीलेटर बिलिंग नियम अनिवार्य कर दिए हैं. अब अस्पतालों को मरीज को वेंटीलेटर पर रखने से पहले परिवार की लिखित सहमति लेनी होगी और संभावित खर्च की पूरी जानकारी पहले से देनी होगी.

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Edited By: Princy Sharma
Private Hospital India Daily
Courtesy: Pinterest

नई दिल्ली: सरकार ने अब प्राइवेट अस्पतालों के लिए वेंटिलेटर बिलिंग नियमों का पालन करना अनिवार्य कर दिया है, जिसका मकसद पारदर्शिता लाना और मरीजों को अचानक होने वाले वित्तीय बोझ से बचाना है. नए नियमों के तहत, अस्पतालों को किसी भी मरीज को वेंटिलेटर पर रखने से पहले उसके परिवार से लिखित सहमति लेनी होगी. उन्हें परिवार को वेंटिलेटर के इस्तेमाल के संभावित खर्चों और मेडिकल कारणों के बारे में भी साफ तौर पर बताना होगा.

स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी लेटेस्ट गाइडलाइंस के अनुसार, प्राइवेट अस्पताल परिवार की लिखित मंजूरी के बिना किसी भी मरीज को वेंटिलेटर पर नहीं रख सकते. डॉक्टरर्स को यह समझाना होगा कि वेंटिलेटर की जरूरत क्यों है, इससे क्या फायदे होंगे, संभावित जोखिम क्या हैं और इसकी जरूरत कितने समय तक पड़ सकती है. अस्पताल को ICU और वेंटिलेटर के इस्तेमाल के रोजाना के खर्चों के बारे में भी साफ जानकारी देनी होगी ताकि परिवार आर्थिक रूप से तैयारी कर सकें.

किस साइट पर नियम जारी की हैं?

ये नियम हाल ही में डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ हेल्थ सर्विसेज (DGHS) की वेबसाइट पर अपलोड किए गए हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि प्राइवेट अस्पतालों में वेंटिलेटर का इस्तेमाल पारदर्शी हो. अधिकारियों का कहना है कि इस कदम का मकसद प्राइवेट हेल्थकेयर में विश्वास बहाल करना और परिवारों को ICU और वेंटिलेटर के शुल्कों के कारण अचानक वित्तीय संकट का सामना करने से रोकना है.

अब अस्पतालों को कई महत्वपूर्ण कदम उठाने होंगे

सभी खर्चों को साफ तौर पर दिखाना

वेंटिलेटर से जुड़े खर्च, जिसमें मशीन चार्ज, ICU फीस और इस्तेमाल होने वाली चीजें शामिल हैं, उन्हें बिलिंग काउंटर पर, ICU के बाहर और अस्पताल की वेबसाइट पर सार्वजनिक रूप से दिखाना होगा. इससे परिवारों को लागत के बारे में पहले से पता चल जाएगा.

शिकायत निवारण प्रणाली

अस्पतालों को समय पर शिकायतें संभालने की प्रणाली स्थापित करनी होगी. परिवार इलाज या बिलिंग के बारे में औपचारिक रूप से चिंताएं उठा सकते हैं, और अस्पताल को एक तय समय सीमा के भीतर जवाब देना होगा.

इस्तेमाल के आधार पर बिलिंग

वेंटिलेटर के लिए शुल्क केवल इस्तेमाल की वास्तविक अवधि के लिए लिया जाएगा. अगर वेंटिलेटर बंद कर दिया जाता है, तो उस अवधि के लिए परिवार से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा.

विस्तृत जानकारी प्रदान करना

किसी मरीज को वेंटिलेटर पर रखने से पहले, परिवारों को रोजाना के खर्चों और ICU खर्चों का पूरा ब्यौरा दिया जाना चाहिए, ताकि वे आर्थिक रूप से तैयारी कर सकें.

पूरा रिकॉर्ड बनाए रखना

अस्पतालों को वेंटिलेटर के इस्तेमाल, मरीज के नतीजों, वेंटिलेटर सपोर्ट की अवधि और प्रकार, और मृत्यु दर का विस्तृत रिकॉर्ड बनाए रखना होगा. ये रिकॉर्ड निगरानी एजेंसियों द्वारा निरीक्षण के लिए उपलब्ध होने चाहिए. इन नए नियमों के साथ, भारत में प्राइवेट अस्पतालों से अब यह उम्मीद की जाती है कि वे वेंटिलेटर के इस्तेमाल के लिए पारदर्शिता, जवाबदेही और सही बिलिंग तरीकों को सुनिश्चित करेंगे, जिससे मरीजों और उनके परिवारों को अचानक होने वाले खर्चों से बचाया जा सके और हेल्थकेयर सेवाओं पर भरोसा बढ़े.