भारत से बाहर जाने वाले भारतीय नागरिकों के लिए नियमों को और भी कड़ा कर दिया गया है. अब अगर आप बाहर जाना चाहते हैं तो आपको क्लीयरेंस सर्टिफिकेट चाहिए होगा. 1 अक्टूबर से भारत में रहने वाले व्यक्तियों को भारत छोड़ने के लिए ब्लैक मनी एक्ट अधिनियम के तहत क्लीन चिट देने वाला क्लीयरेंस सर्टिफिकेट लेना होगा.
देश का बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कर निकासी प्रमाणपत्र प्राप्त करने के प्रयोजनों के लिए काला धन अधिनियम, 2015 का संदर्भ शामिल करने के लिए आयकर अधिनियम में संशोधन का प्रस्ताव दिया है.
इनकम टैक्स अधिनियम की धारा 230 के तहत, भारत में रहने वाला कोई भी व्यक्ति इनकम टैक्स के अधिकारियों से यह प्रमाण पत्र प्राप्त किए बिना नहीं जा सकता है कि उन पर कोई बकाया कर देनदारी नहीं है या उन्होंने ऐसे बकाए का भुगतान करने के लिए संतोषजनक व्यवस्था की है.
अगर आप विदेश जाने की सोच रहे हैं तो आपको अब ब्लैक मनी अधिनियम के तहत क्लीन चिट प्राप्त करनी पड़ेगी. बिना क्लीन चिट के आप देश के बाहर नहीं जा सकते हैं. 1 अक्टूबर से यह नियम लागू होगा.
इनकम टैक्स का यह अधिनियम, पहले की संपत्ति पर टैक्स और गिफ्ट टैक्स अधिनियम तथा एक्सपेंडिचर अधिनियम के अंतर्गत टैक्स पर भी लागू होता है.
इस तरह का प्रमाणपत्र प्राप्त करना और भी आवश्यक होता है जब ऐसी परिस्थितियां मौजूद हों जो इनकम टैक्स अधिकारी की राय में ऐसे व्यक्ति के लिए इसे प्राप्त करना आवश्यक बनाती हों.
अभी इसकी अधिसूचना नहीं जारी की गई है. अधिसूचना जारी होने के पश्चात ही इस अधिनियम से जुड़ी हर एक चीज को बेहतर ढंग से समझा जा सकता है.