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GST Reforms 2025: हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी हुई टैक्स फ्री, जानिए आम आदमी को कितना मिलेगा फायदा?

भारत सरकार ने आम आदमी की जेब पर पड़ने वाले आर्थिक बोझ को कम करने के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाया है. व्यक्तिगत बीमा, स्वास्थ्य बीमा और जीवनरक्षक दवाओं पर लगने वाला जीएसटी (गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स) पूरी तरह से खत्म कर दिया गया है.

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Edited By: Garima Singh
GST Reforms 2025
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GST Reforms 2025: भारत सरकार ने आम आदमी की जेब पर पड़ने वाले आर्थिक बोझ को कम करने के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाया है. व्यक्तिगत बीमा, स्वास्थ्य बीमा और जीवनरक्षक दवाओं पर लगने वाला जीएसटी (गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स) पूरी तरह से खत्म कर दिया गया है. यह निर्णय 56वीं जीएसटी काउंसिल की बैठक में लिया गया, जो 22 सितंबर 2025 से लागू होगा. इस कदम से करोड़ों भारतीय परिवारों को आर्थिक राहत मिलने की उम्मीद है.

पहले स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी के प्रीमियम पर 18% जीएसटी लगता था, जिससे प्रीमियम की लागत बढ़ जाती थी. अब इस टैक्स को हटाने से बीमा पॉलिसी सस्ती हो जाएगी. टैक्स एक्सपर्ट डीके मिश्रा बताते हैं, "30 साल का कोई व्यक्ति अगर 10 लाख का हेल्थ इंश्योरेंस लेता है, तो उसे सालाना करीब 15 हजार रुपए खर्च करने पड़ते हैं. 18% जीएसटी खत्म होने से अब उसे 2700 रुपए तक की बचत होगी."फैमिली फ्लोटर प्लान में भी यह राहत स्पष्ट दिखेगी. उदाहरण के लिए, 20 लाख रुपए के फैमिली फ्लोटर प्लान पर पहले 70 हजार रुपए का प्रीमियम देना पड़ता था, लेकिन अब इसमें 12,600 रुपए तक की बचत होगी. वहीं, 50 लाख के कवर पर 18 हजार रुपए तक की बचत संभव है.

जीवन बीमा पर भी मिलेगा लाभ

जीवन बीमा पॉलिसियों पर भी पहले 18% जीएसटी लगता था, जो अब पूरी तरह हट गया है. अगर कोई व्यक्ति 20 हजार रुपए प्रीमियम वाली पॉलिसी लेता था, तो उस पर 3600 रुपए का जीएसटी देना पड़ता था. इस छूट से लंबे समय में लाखों रुपये की बचत होगी. खासकर सीनियर सिटीजन के लिए यह राहत महत्वपूर्ण है, क्योंकि उनकी पॉलिसी पहले महंगी होती थी. अब उनकी बीमा लागत 15-20% तक कम हो सकती है.

जीवनरक्षक दवाएं और मेडिकल उपकरण सस्ते

जीएसटी काउंसिल ने 33 जीवनरक्षक दवाओं पर 12% जीएसटी को पूरी तरह खत्म कर दिया है. इसके अलावा, कैंसर और रेयर बीमारियों की तीन प्रमुख दवाओं पर पहले लगने वाला 5% जीएसटी भी हटा लिया गया है. अन्य दवाओं पर जीएसटी को 12% से घटाकर 5% किया गया है. मेडिकल, सर्जरी और दंत चिकित्सा में उपयोग होने वाले उपकरणों पर भी जीएसटी 18% से घटाकर 5% कर दिया गया है. उदाहरण के लिए, हड्डियों के कैंसर में उपयोग होने वाली डाराटुमुमैब दवा की 400 एमजी वायल की कीमत 65 हजार रुपए है. पहले इस पर 7800 रुपए जीएसटी देना पड़ता था. अब अगर मरीज को महीने में चार वायल चाहिए, तो करीब 30 हजार रुपए की बचत होगी.

बीमा कंपनियों पर नजर

एचएसबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस फैसले से स्वास्थ्य और जीवन बीमा के प्रीमियम 15% तक सस्ते हो सकते हैं. डीके मिश्रा कहते हैं, "सरकार ने बीमा कंपनियों को निर्देश दिया है कि जीएसटी में मिली छूट का लाभ ग्राहकों तक पहुंचे. कंपनियों ने भी आश्वासन दिया है कि वे प्रीमियम नहीं बढ़ाएंगी." हालांकि, कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) न मिलने से बीमा कंपनियों का खर्च 3-5% बढ़ सकता है.

सरकार को कितना नुकसान?

वित्त मंत्रालय के मुताबिक, 2023-24 में स्वास्थ्य और जीवन बीमा से 16,398 करोड़ रुपए का जीएसटी संग्रह हुआ था. इस छूट से सरकार को सालाना 10 हजार करोड़ से अधिक का नुकसान होगा. फिर भी, यह कदम आम आदमी के लिए राहत भरा है.

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