बार-बार रिजेक्ट हो रही है एप्लीकेशन, बैंक से लोन अप्रूवल कराने के ये हैं 5 आसान तरीके

अगर आपकी लोन एप्लीकेशन बार-बार रिजेक्ट हो रही है, तो निराश न हों. कुछ छोटे-छोटे बदलाव करके आप अपनी अप्रूवल की संभावना बढ़ा सकते हैं.

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Gyanendra Sharma

नई दिल्ली:  आज के समय में लोन लेना आम बात हो गई है. चाहे घर या कार खरीदना हो, छुट्टियां मनाना हो या कोई इमरजेंसी खर्च, लोग होम लोन, कार लोन या पर्सनल लोन की ओर रुख करते हैं. लेकिन बैंक लोन अप्रूव करने में काफी सतर्क रहते हैं. वे आपकी क्रेडिट हिस्ट्री, इनकम और कई अन्य फैक्टर्स को ध्यान में रखकर फैसला लेते हैं. 

अगर आपकी लोन एप्लीकेशन बार-बार रिजेक्ट हो रही है, तो निराश न हों. कुछ छोटे-छोटे बदलाव करके आप अपनी अप्रूवल की संभावना बढ़ा सकते हैं.

क्रेडिट स्कोर को मजबूत बनाएं
  
बैंक सबसे पहले आपका सिबिल स्कोर चेक करते हैं. यह स्कोर आपकी क्रेडिटवर्थीनेस को दर्शाता है. भारत में 750 या उससे ज्यादा का सिबिल स्कोर आदर्श माना जाता है. इस स्तर पर लोन अप्रूवल की संभावना काफी बढ़ जाती है और ब्याज दर भी कम मिल सकती है. अगर आपका स्कोर कम है, तो पुरानी EMI और क्रेडिट कार्ड बिल समय पर चुकाएं, क्रेडिट यूटिलाइजेशन को 30% से कम रखें और अनावश्यक क्रेडिट इंक्वायरी से बचें. नियमित चेक करके स्कोर सुधारें.

मौजूदा कर्जों को कम करें

अगर आपके पास पहले से कई लोन या क्रेडिट कार्ड की EMI चल रही हैं, तो बैंक को लगता है कि आपकी रिपेमेंट कैपेसिटी सीमित है. इसे डेब्ट-टू-इनकम रेशियो कहते हैं. आदर्श रूप से यह 40% से कम होना चाहिए. पुराने छोटे लोन चुकाकर या क्रेडिट कार्ड बैलेंस क्लियर करके इस रेशियो को बेहतर बनाएं. इससे बैंक को विश्वास होता है कि आप नया लोन आसानी से चुका सकेंगे.

आवेदन में पूरी और सही जानकारी दें

कई बार लोन रिजेक्ट होने की वजह अधूरी या गलत डॉक्यूमेंट्स होती हैं. PAN, आधार, सैलरी स्लिप, बैंक स्टेटमेंट और इनकम प्रूफ जैसे दस्तावेज सही और अपडेटेड होने चाहिए. कोई मिसमैच जैसे नाम या एड्रेस में गलती न हो. आवेदन फॉर्म ध्यान से भरें और सभी जरूरी डॉक्यूमेंट्स एक साथ सबमिट करें. यह छोटी गलती अक्सर बड़ी वजह बन जाती है रिजेक्शन की.

स्थिर नौकरी और इनकम दिखाएं

बैंक स्थिर इनकम और जॉब को प्राथमिकता देते हैं. अगर आप बार-बार जॉब बदलते हैं या इनकम अनियमित है, तो रिजेक्शन का खतरा बढ़ जाता है. कम से कम 1-2 साल एक ही कंपनी में रहें. अगर सेल्फ-एम्प्लॉयड हैं, तो ITR और बिजनेस प्रूफ मजबूत रखें. अतिरिक्त इनकम सोर्स जैसे बोनस या इन्वेस्टमेंट को भी दिखाएं, इससे आपकी एलिजिबिलिटी बढ़ेगी.

एक साथ कई लोन के लिए अप्लाई न करें

कई बैंक में एक साथ अप्लाई करने से हर एप्लीकेशन पर हार्ड इंक्वायरी होती है, जो स्कोर को कम कर देती है. इससे बैंक को लगता है कि आप डेस्परेट हैं. बेहतर है कि पहले अपनी एलिजिबिलिटी चेक करें, प्री-अप्रूव्ड ऑफर्स देखें और एक-दो विश्वसनीय लेंडर से ही अप्लाई करें. अगर रिजेक्शन हो, तो 3-6 महीने इंतजार करके स्कोर सुधारें और फिर ट्राई करें.

ये बदलाव करके आप न सिर्फ लोन अप्रूवल की चांस बढ़ा सकते हैं, बल्कि बेहतर ब्याज दर और ज्यादा अमाउंट भी पा सकते हैं.