menu-icon
India Daily

CBSE Open Book Exam: अब किताब और नोट्स पढ़कर एग्जाम देंगे छात्र, CBSE ने बनाया ये खास प्लान

कक्षा 9 और 10 के लिए ओपन बुक एग्जाम में इंग्लिश, गणित और विज्ञान और कक्षा 11 और 12 के लिए इंग्लिश, गणित और जीव विज्ञान जैसे विषयों को शामिल किया जाएगा.

auth-image
Edited By: India Daily Live
open book exams

Open Book Exams: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) कक्षा 9 से 12 के लिए ओपन बुक परीक्षाएं (Open Book Exams) आयोजित कराने की योजना बना रहा है. बोर्ड अपने कुछ चुनिंदा स्कूलों में नवंबर-दिसंबर से पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर इसकी शुरुआत करने जा रहा है. ओपन बुक परीक्षा (Open Book Tests) में कक्षा 9 और 10 के लिए अंग्रेजी, गणित और विज्ञान और कक्षा 11 और 12 के लिए अंग्रेजी, गणित और जीव विज्ञान जैसे विषय शामिल होंगे.

पिछले साल प्रस्तावित इस परीक्षा के साथ बोर्ड यह पता लगाना चाहता है कि इस तरह की परीक्षाओं को पूरा करने और फीडबैक इकट्ठा करने में छात्रों को कितना समय लगता है. दिल्ली विश्विद्यालय इस पायलट प्रोजेक्ट के परीक्षण में CBSE की मदद कर रहा है जो कि कथित तौर पर जून तक तैयार हो जाएगा.

क्या होता है ओपन बुक एग्जाम  (Open Book Exams)
इन परीक्षाओं का उत्तर देने के लिए छात्रों को अपनी किताबें और अपने नोट्स का सहारा लेने की अनुमति होती है. ओपन बुक परीक्षाएं दो प्रकार की होती हैं--- फ्री और प्रतिबंधित

फ्री और प्रतिबंधित ओपन बुक परीक्षा में अंतर
प्रतिबंधित ओपन बुक परीक्षा में छात्र केवल परीक्षा संचालन प्राधिकारी द्वारा अनुमति दिए गए मटेरियल का ही इस्तेमाल कर सकते हैं जबकि फ्री ओपन बुक परीक्षा में छात्र अपनी सहूलियत के हिसाब से किसी भी किताब या नोट्स का सहारा लेकर प्रश्नों के सवालों का जवाब दे सकते हैं.

क्या है ओपन बुक एग्जाम कराने का उद्देश्य

किताब या नोट्स में दी गई जानकारी की हू-ब-हू नकल करने के बजाय इस परीक्षा में छात्रों को कॉन्सेप्ट्स अप्लाई करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा. इस परीक्षा का उद्देश्य छात्रों में आलोचनात्मक क्षमताएं (Critical Abilities) विकसित करना है.

कहां-कहां आयोजित किए जा रहे ओपन बुक एग्जाम
कोरोना के दौर में दिल्ली विश्वविद्यालय, जामिया मिल्लिया इस्लामिया, जेएनयू, एएमयू समेत कई विश्वविद्यालयों ने ओपन बुक एग्जाम आयोजित किए थे.

यह प्रोजेक्ट वर्तमान स्कूल शिक्षा प्रणाली में सुधार लाने का एक हिस्सा है. स्कूल शिक्षा का नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क वर्तमान में स्कूलों में चल रही शिक्षा व्यवस्था में सुधार की बात कहता है जिसका पूरा फोकस रटंत विद्या पर है. छात्रों को चाहिए कि वह किसी विषय को रटने के बजाय उसे समझकर खुद का कॉन्सेप्ट अपलाई करें.