EPFO: केंद्र सरकार रिटायरमेंट के बाद बुजुर्गों को बेहतर सामाजिक सुरक्षा देने के उद्देश्य से कई नए उपायों पर विचार कर रही है. इसमें कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) से जुड़े कर्मचारियों को अपने पीएफ फंड को पेंशन में बदलने का विकल्प प्रदान करना भी शामिल है. यदि यह नियम लागू होता है, तो कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद अधिक पेंशन मिलेगी.
रिपोर्ट्स के मुताबिक सरकार आगामी वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट में इन योजनाओं की घोषणा कर सकती है. श्रम और रोजगार मंत्रालय पहले से ही सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का दायरा बढ़ाने पर काम कर रहा है.
पीएफ फंड से पेंशन का विकल्प
यदि यह प्रस्ताव मंजूर होता है, तो कर्मचारी अपने पीएफ फंड को पेंशन में बदल सकते हैं. इससे उन कर्मचारियों को लाभ होगा, जो बुढ़ापे में अधिक पेंशन की जरूरत महसूस करते हैं. फंड को पेंशन फंड में ट्रांसफर करने से पेंशन की धनराशि में बढ़ोतरी संभव हो जाएगी.
आईटी सिस्टम में सुधार
सरकार EPFO के आईटी सिस्टम को और सशक्त बनाने पर भी काम कर रही है. यह सिस्टम बैंकिंग जैसा होगा, जिससे कर्मचारियों को बेहतर सुविधाएं मिल सकेगी.
अंशदान और आयकर छूट
मंत्रालय ऐसे प्रावधानों पर विचार कर रहा है, जिससे कर्मचारियों को अतिरिक्त अंशदान पर आयकर छूट का लाभ मिले. यह कदम उन लोगों को आकर्षित कर सकता है, जो बैंक एफडी पर कम ब्याज दर से असंतुष्ट हैं.
पीएफ अकाउंट में एकमुश्त जमा की सुविधा
सरकार EPFO सदस्यों को नियमित मासिक अंशदान के साथ-साथ एकमुश्त धनराशि जमा करने का विकल्प देने पर विचार कर रही है. यह कर्मचारियों की पेंशन फंडिंग को मजबूत करेगा.
रिटायरमेंट के बाद अधिक विकल्प
रिटायरमेंट के बाद कर्मचारी अपने पेंशन शुरू करने की आयु में लचीलापन पा सकते हैं. उदाहरण के लिए, वे पेंशन लेने की शुरुआत 58 साल के बजाय 60 या 65 साल से कर सकते हैं, जिससे उनकी जमा राशि पर अधिक ब्याज का लाभ मिलेगा.