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आधार पर होगी केवल फोटो और क्‍यूआर कोड, सेकेंड में होगी असली-नकली की पहचान

भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) पहचान की चोरी के जोखिम को कम करने और संगठनों को ऑफलाइन आधार सत्यापन करने से रोकने के लिए इस अद्यतन पर विचार कर रहा है.

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Gyanendra Sharma

नई दिल्ली: भारत सरकार आधार कार्ड की सुरक्षा और गोपनीयता को मज़बूत करने के लिए एक बड़े बदलाव की तैयारी कर रही है. प्रस्तावित बदलावों के अनुसार, आधार कार्ड पर जल्द ही केवल कार्डधारक की तस्वीर और एक सुरक्षित क्यूआर कोड दिखाई देगा जिससे कार्ड से नाम, पता और आधार नंबर जैसी जानकारी हट जाएगी.

भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) पहचान की चोरी के जोखिम को कम करने और संगठनों को ऑफलाइन आधार सत्यापन करने से रोकने के लिए इस अद्यतन पर विचार कर रहा है, जिससे अक्सर व्यक्तिगत डेटा का अनधिकृत संग्रह होता है.

हाल ही में आधार सम्मेलन में यूआईडीएआई के सीईओ भावेश कुमार ने कहा कि प्राधिकरण दिसंबर 2025 तक नया प्रारूप लागू करने का इरादा रखता है. उन्होंने जोर देकर कहा कि गोपनीयता बढ़ाने और दुरुपयोग को रोकने के लिए कार्ड पर जानकारी सीमित करना आवश्यक है. कुमार ने कहा, हम कार्ड पर किसी और जानकारी की ज़रूरत पर सवाल उठा रहे हैं. अगर हम ज़्यादा जानकारी छापेंगे तो दुरुपयोग की संभावना ज़्यादा होगी.

आधार अधिनियम अनुपालन और गोपनीयता संबंधी चिंताएं

यह कदम आधार अधिनियम के अनुरूप है जो ऑफ़लाइन सत्यापन के लिए आधार संख्या या बायोमेट्रिक्स एकत्र करने या संग्रहीत करने पर प्रतिबंध लगाता है. हालांकि, कई होटल, कार्यक्रम आयोजक और निजी संस्थान आधार कार्ड की फोटोकॉपी करना जारी रखते हैं, जिससे गोपनीयता का खतरा होता है और धोखाधड़ी की संभावना बढ़ जाती है. नए डिजाइन का उद्देश्य आधार डेटा की पूर्ण गोपनीयता सुनिश्चित करना, व्यक्तिगत विवरण तक पहुंच को सीमित करना और ऑफलाइन आधार-आधारित सत्यापन प्रथाओं को समाप्त करना है.

यूआईडीएआई नया आधार ऐप लॉन्च करेगा

भौतिक आधार कार्ड को पुनः डिजाइन करने के अलावा, सरकार एक नया आधार मोबाइल ऐप भी लॉन्च करने की तैयारी कर रही है, जो प्रमाणीकरण को सुव्यवस्थित करेगा और डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण (डीपीडीपी) अधिनियम का पूर्ण अनुपालन सुनिश्चित करेगा, जिसे अगले 18 महीनों के भीतर पूरी तरह से लागू किया जाएगा.

नया आधार ऐप क्या ऑफर करेगा?

यूआईडीएआई अधिकारियों के अनुसार, आगामी ऐप में कई उन्नत सुविधाएं होंगी जिनका उद्देश्य सुरक्षा को मजबूत करना और उपयोगकर्ता की सुविधा में सुधार करना है. 

ऐप के माध्यम से सीधे पते के प्रमाण दस्तावेजों को अपडेट करें.
उन परिवार के सदस्यों को जोड़ें जिनके पास मोबाइल फोन नहीं है, ताकि वे आधार से जुड़ी सेवाओं का उपयोग कर सकें.
ऐप की फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक का उपयोग करके परिवार के सदस्यों के मोबाइल नंबर अपडेट करें.
यूआईडीएआई के सीईओ भावेश कुमार ने पुष्टि की कि नया प्लेटफॉर्म अंततः मौजूदा एमआधार ऐप की जगह लेगा, जिससे सत्यापन प्रक्रिया उपयोगकर्ताओं और संस्थानों दोनों के लिए तेज और अधिक विश्वसनीय हो जाएगी.

यह ऐप आधार सत्यापन को कैसे बेहतर बनाएगा?

अधिकारियों ने बताया कि यह ऐप डिजीयात्रा प्रणाली की तरह ही काम करेगा, जो हवाई अड्डों पर निर्बाध पहचान सत्यापन को सक्षम बनाता है. नया आधार ऐप कई रोज़मर्रा के परिदृश्यों में त्वरित और सुरक्षित प्रमाणीकरण का समर्थन करेगा, जिनमें शामिल हैं. 

  • कार्यक्रमों और सिनेमा हॉल में प्रवेश.
  • आयु-प्रतिबंधित उत्पाद खरीदना (18+)
  • छात्र सत्यापन प्रक्रियाएं.
  • होटल चेक-इन.
  • आवासीय सोसाइटियों तक पहुंच प्राप्त करना.
  • अन्य सेवाएं जिनके लिए सरल और त्वरित पहचान पुष्टिकरण की आवश्यकता होती है.