Unemployment Alarm: भारत में बढ़ती बेरोजगारी का संकट बढ़ता जा रहा है. हाल ही दिनों में बड़ी-बड़ी कंपनियों ने हजारों लोगों को नौकरी से निकाला है. हायरिंग फ्रीज है. आए दिन भारी संख्या में ले ऑफ हो रहा है. ऐसे में नौकरी पाना बहुत कठिन है.
IIT बॉम्बे के लगभग 2,000 छात्रों ने 2024 में प्लेसमेंट के लिए रजिस्ट्रेशन किया था. इनमें से 712 छात्रों की जॉब नहीं लगी. 36 फीसदी छात्र अभी भी नौकरी की तलाश कर रहे हैं.
NIRF रैंकिंग में भारत के सबसे बेस्ट संस्थानों में IIT बॉम्बे 2021 और 2022 में तीसरे और 2023 में चौथे स्थान पर थी. लेकिन आज स्थिति यह है कि छात्रों का प्लेसमेंट ही नहीं हो रहा है.
आईआईटी बॉम्बे के प्लेसमेंट सेल के एक कर्मचारी ने हिंदुस्तान टाइम्स को बताया कि बड़ी-बड़ी कंपनियां आर्थिक मंदी के चलते कैंपस प्लेसमेंट के लिए आ ही नहीं रही हैं. बहुत सी कंपनियां पहले से पैकेज डिसाइड करने में हिचकिचा रही हैं.
सूत्रों के अनुसार इस बार IIT Bombay के कंप्यूटर साइंस ब्रांच के छात्रों का भी 100 फीसदी प्लेसमेंट नहीं हो सका है. यह समय संस्थान के लिए बहुत ही टफ है. इस साल हाई सैलरी पैकेज भी मिलना बहुत कठिन हुआ है. दिसंबर 2023 में कहा गया था कि 85 छात्रों का सैलरी पैकेज 1 करोड़ रुपये हैं. लेकिन बाद में इसे सही करते हुए बताया गया कि केवल 22 छात्रों का ही सैलरी पैकेज 1 करोड़ या उससे ऊपर है.
संस्थान छात्रों को रोजगार दिलाने की भरपूर कोशिश कर रहा है. इसके बावजूद कई छात्र दुविधा में है. बहुत से छात्रों को जॉब ऑफर आ चुका है फिर भी वो डिसाइड नहीं कर पा रहे हैं कि उन्हें नौकरी करनी है या नहीं और वो दूसरे विकल्पों की तलाश कर रहे हैं.
मानव विकास संस्थान और अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) की रिपोर्ट के अनुसार इस समय जॉप तलाशना बहुत ही मुश्किल है. खासकर भारत के उन युवाओं के लिए जो ज्यादा पढ़े-लिखे हैं.
26 मार्च को जारी ILO की रिपोर्ट के अनुसार 29.1 फीसदी भारतीय ग्रेजुएट बेरोजगार है. वहीं, जो पढ़े-लिखे नहीं है उनकी बेरोजगारी दर 3.4 फीसदी है. ये आंकड़े दर्शा रहे हैं कि अगर आप एक ग्रेजुएट हैं तो आपके बेरोजगार होने की संभावना अनपढ़ के नौ गुना है. यानी जो पढ़ा लिखा नहीं है उसे आपसे जल्दी नौकरी मिल जाएगी. उसे आपसे जल्दी रोजगार मिल जाएगा. और उसकी नौकरी जाने की संभावना एक ग्रेजुएट की नौकरी जाने की संभावना से कम होगी.
2023 में भारत की 83 फीसदी बेरोजगार लोगों की उम्र 15 साल से 29 साल के बीच थी. यानी युवाओं के लिए नौकरी हासिल करना बहुत कठिन है.
श्रम बल भागीदारी में भारतीय युवाओं की हिस्सेदारी साल 2000 के 54 फीसदी के मुकाबले 2022 में गिरकर 42 फीसद हो गया है.
IIT बॉम्बे का ही हाल नहीं बल्कि बड़े-बड़े अन्य संस्थानों का भी हाल खराब है. आईआईटी बॉम्बे की तरह BITS Pilani का भी यही हाल था. फरवरी में बिट्स पिलानी के डीन आर्या कुमार ने संस्था के पुराने छात्रों से अपील की थी कि वो कैंपस प्लेसमेंट कराने में वर्तमान बैच के बच्चों की मदद करें. उस समय उनकी पोस्ट सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई थी.
First IIM Lucknow, now BITS Pilani asking alumni to help out with placements.
— Ravi Handa (@ravihanda) February 22, 2024
This is the first time I am seeing such groveling after 2008.
"help them tide through current crisis"
"gentle request to please keep this in mind"
"Thanking you very much in advance" pic.twitter.com/TI27X7THk6
इस तरह IIM Lucknow ने भी अपने पुराने छात्रों से 2024 बैच के छात्रों का प्लेसमेंट कराने के लिए मदद की गुहार लगाई थी.
IIM Lucknow is reaching out to alumni to help them with placements.
— Ravi Handa (@ravihanda) January 31, 2024
It is “crucial to maintain the legacy of IIM Lucknow’s 100% placement record”.
It isn’t about 5-10 people but 72 candidates at IIM-L do not have a job.
Imagine the status at other B-schools. pic.twitter.com/uYaTCmY3h7
कोविड-19 की वजह से आई वैश्विक मंदी की वजह से बेरोजगारी दर बढ़ रही है. टेक सेक्टर में जनवरी 2022 से लगभग 4 लाख लोग बेरोजगार हुए हैं.
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