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नौकरी के लिए तरस रहे हैं IIT के छात्र, माथे से पसीना टपका देंगे आंकड़े

Unemployment Alarm: भारत में बढ़ती बेरोजगारी दर सरकार के लिए एक चिंता का विषय बनती जा रही है. आम कॉलेज से ग्रेजुएशन करने वाले छात्र ही नहीं बल्कि IIT जैसे बड़े संस्थानों से ग्रेजुएट होने वाले छात्र भी नौकरी की तलाश में भटक रहे हैं.

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Gyanendra Tiwari

Unemployment Alarm: भारत में बढ़ती बेरोजगारी का संकट बढ़ता जा रहा है. हाल ही दिनों में बड़ी-बड़ी कंपनियों ने हजारों लोगों को नौकरी से निकाला है. हायरिंग फ्रीज है. आए दिन भारी संख्या में ले ऑफ हो रहा है. ऐसे में नौकरी पाना बहुत कठिन है.

यह समय आम कॉलेज से ग्रेजुएट हुए छात्रों के लिए ही नहीं बल्कि IIT और IIM जैसे संस्थानों के छात्र भी बेरोजगार हैं. इन संस्थानों की 100 फीसदी प्लेसमेंट वाली बातें अब सिर्फ बातें ही रह गई हैं. IIT बॉम्बे के लेटेस्ट बैच की बात करें तो प्लेसमेंट के मामले में स्थिति बहुत ही खराब है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक 36 फीसदी छात्रों का प्लेसमेंट हुआ ही नहीं. भारत की बढ़ती बेरोजगारी दर चिंता का विषय है.

IIT Bombay के इतने छात्रों का नहीं हुआ प्लेसमेंट

IIT बॉम्बे के लगभग 2,000 छात्रों ने 2024 में प्लेसमेंट के लिए रजिस्ट्रेशन किया था. इनमें से 712 छात्रों की जॉब नहीं लगी. 36 फीसदी छात्र अभी भी नौकरी की तलाश कर रहे हैं.

NIRF रैंकिंग में भारत के सबसे बेस्ट संस्थानों में IIT बॉम्बे 2021 और 2022 में तीसरे और 2023 में चौथे स्थान पर थी.  लेकिन आज स्थिति यह है कि छात्रों का प्लेसमेंट ही नहीं हो रहा है.

पैकेज डिसाइड करने में घबरा रही हैं कंपनियां

आईआईटी बॉम्बे के प्लेसमेंट सेल के एक कर्मचारी ने हिंदुस्तान टाइम्स को बताया कि बड़ी-बड़ी कंपनियां आर्थिक मंदी के चलते कैंपस प्लेसमेंट के लिए आ ही नहीं रही हैं. बहुत सी कंपनियां पहले से पैकेज डिसाइड करने में हिचकिचा रही हैं.

सूत्रों के अनुसार इस बार IIT Bombay के कंप्यूटर साइंस ब्रांच के छात्रों का भी 100 फीसदी प्लेसमेंट नहीं हो सका है. यह समय संस्थान के लिए बहुत ही टफ है. इस साल हाई सैलरी पैकेज भी मिलना बहुत कठिन हुआ है. दिसंबर 2023 में कहा गया था कि 85  छात्रों का सैलरी पैकेज 1 करोड़ रुपये हैं. लेकिन बाद में इसे सही करते हुए बताया गया कि केवल 22 छात्रों का ही सैलरी पैकेज 1 करोड़ या उससे ऊपर है.

दूसरे विक्लप की तलाश में जुटे छात्र

संस्थान छात्रों को रोजगार दिलाने की भरपूर कोशिश कर रहा है. इसके बावजूद कई छात्र दुविधा में है. बहुत से छात्रों को जॉब ऑफर आ चुका है फिर भी वो डिसाइड नहीं कर पा रहे हैं कि उन्हें नौकरी करनी है या नहीं और वो दूसरे विकल्पों की तलाश कर रहे हैं.

मानव विकास संस्थान और अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) की रिपोर्ट के अनुसार इस समय जॉप तलाशना बहुत ही मुश्किल है. खासकर भारत के उन युवाओं के लिए जो ज्यादा पढ़े-लिखे हैं.

पढ़ें-लिखे लोग ज्यादा बेरोजगार

26 मार्च को जारी ILO की रिपोर्ट के अनुसार 29.1 फीसदी भारतीय ग्रेजुएट बेरोजगार है. वहीं, जो पढ़े-लिखे नहीं है उनकी बेरोजगारी दर 3.4 फीसदी है. ये आंकड़े दर्शा रहे हैं कि अगर आप एक ग्रेजुएट हैं तो आपके बेरोजगार होने की संभावना अनपढ़ के नौ गुना है. यानी जो पढ़ा लिखा नहीं है उसे आपसे जल्दी नौकरी मिल जाएगी. उसे आपसे जल्दी रोजगार मिल जाएगा. और उसकी नौकरी जाने की संभावना एक ग्रेजुएट की नौकरी जाने की संभावना से कम होगी.

2023 में भारत की 83 फीसदी बेरोजगार लोगों की उम्र 15 साल से 29 साल के बीच थी. यानी युवाओं के लिए नौकरी हासिल करना बहुत कठिन है.

श्रम बल भागीदारी में भारतीय युवाओं की हिस्सेदारी साल 2000 के 54 फीसदी के मुकाबले 2022 में गिरकर 42 फीसद हो गया है.

IIT बॉम्बे का ही हाल नहीं बल्कि बड़े-बड़े अन्य संस्थानों का भी हाल खराब है. आईआईटी बॉम्बे की तरह BITS Pilani का भी यही हाल था. फरवरी में बिट्स पिलानी के डीन  आर्या कुमार ने संस्था के पुराने छात्रों से अपील की थी कि वो कैंपस प्लेसमेंट कराने में वर्तमान बैच के बच्चों की मदद करें. उस समय उनकी पोस्ट सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई थी.


इस तरह  IIM Lucknow ने भी अपने पुराने छात्रों से 2024 बैच के छात्रों का प्लेसमेंट  कराने के लिए मदद की गुहार लगाई थी.


कोविड-19 की वजह से आई वैश्विक मंदी की वजह से बेरोजगारी दर बढ़ रही है. टेक सेक्टर में जनवरी 2022 से लगभग 4 लाख लोग बेरोजगार हुए हैं.    

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