menu-icon
India Daily

META Fine: मुश्किल में फंसा फेसबुक, एक झटके में लगा गया 1,26,25,69,500 रुपये का तगड़ा जुर्माना, जानें क्यों

META Fine: दक्षिण कोरिया ने मेटा पर फेसबुक यूजर्स की निजी जानकारी अवैध रूप से इकट्ठा कर उसे विज्ञापनदाताओं को बेचने का आरोप लगाते हुए 1.5 करोड़ डॉलर (1,26,25,69,500 रुपये) का जुर्माना लगाया है. पर्सनल इंफॉर्मेशन प्रोटेक्शन कमीशन का कहना है कि इससे यूजर्स की प्राइवेसी को गंभीर खतरा हुआ है.

auth-image
Edited By: India Daily Live
META Fine
Courtesy: META

META Fine: दक्षिण कोरिया ने सोशल मीडिया कंपनी मेटा पर फेसबुक यूजर्स की निजी जानकारी को अवैध रूप से इकट्ठा करने और उसे विज्ञापनदाताओं को बेचने का आरोप लगाया था जिसके लेकर कंपनी पर 1.5 करोड़ डॉलर का जुर्माना लगाया है. यह जुर्माना दक्षिण कोरिया के पर्सनल इंफॉर्मेशन प्रोटेक्शन कमीशन द्वारा लगाया गया है. मंगलवार को आयोग ने कहा कि मेटा न केवल फेसबुक यूजर्स की निजी जानकारी इकट्ठा कर रही थी बल्कि उसे कई कंपनियों को बेच भी रही थी, जिससे यूजर्स की प्राइवेसी पर बड़ा खतरा उत्पन्न हो गया था.

जांच के अनुसार, मेटा ने जुलाई 2018 से मार्च 2022 तक लगभग चार साल के दौरान करीब 9,80,000 फेसबुक यूजर्स के धर्म और राजनीतिक विचारों जैसी सेंसिटिव जानकारियां इकट्ठा की. इसके अलावा, मेटा ने यह जानकारी लगभग 4,000 विज्ञापनदाताओं के साथ भी शेयर की. कमीशन के मुताबिक, मेटा ने फेसबुक यूजर्स की एक्टिविटीज पर नजर रखी, जैसे कि उन्होंने कौन से पेज लाइक किए या किस प्रकार के विज्ञापनों पर क्लिक किया. 

यूजर्स की निजी जानकारी चुराने का आरोप: 

इन जानकारियों के आधार पर मेटा ने यूजर्स के रुचियों और विचारधाराओं का अंदाजा लगाया और इसे अपने फायदे के लिए इस्तेमाल किया. टेस्ट कमीशन के डायरेक्टर ली यून जंग ने बताया कि मेटा ने यूजर्स की प्राइवेट जानकारी का एनालिसिस करके उन्हें स्पेसिफिक धर्मों, LGBTQ, ट्रांसजेंडर और उत्तर कोरिया से जुड़े मुद्दों में रुचि रखने वाले ग्रुप्स में कैटेगराइज किया. मेटा ने इन जानकारियों को विज्ञापनों के लिए अलग-अलग किया और यूजर्स की सहमति के बिना उनका इस्तेमाल किया. 

इस मामले पर कमीशन का कहना है कि मेटा के इस कदम ने यूजर्स की गोपनीयता को गंभीर रूप से खतरे में डाल दिया है. मेटा पर लगाया गया यह जुर्माना प्राइवेसी की सुरक्षा के प्रति दक्षिण कोरिया की सख्त नीति को दर्शाता है. कमीशन ने कहा कि भविष्य में भी किसी सोशल मीडिया कंपनी द्वारा इस तरह का उल्लंघन को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और इसी तरह की कार्रवाई की जाएगी. मेटा के इस मामले ने ऑनलाइन गोपनीयता के मुद्दे पर लोगों की जागरूकता बढ़ाई है और उम्मीद है कि इससे अन्य कंपनियों को भी एक सख्त मैसेज जाएगा.