Uttarakhand Panchayat Elections: उत्तराखंड में पंचायत चुनाव पर लगी रोक को हटाने का नैनीताल हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है. इस निर्णय के बाद अब राज्य में पंचायत चुनाव कराने का रास्ता साफ हो गया है. धामी सरकार ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर पंचायत चुनाव पर लगी रोक हटाने की मांग की थी. कोर्ट के इस आदेश के बाद अब नया चुनावी कार्यक्रम जारी किया जाएगा, और सभी निर्धारित चुनावी तारीखों को तीन दिन आगे बढ़ाया गया है. हालांकि, हाईकोर्ट ने 9 जून की नियमावली की वैधता पर सुनवाई को आगे भी जारी रखने का निर्णय लिया है. साथ ही, निकाय चुनाव कुछ महीनों के लिए टल सकते हैं.
पंचायत चुनाव पर रोक हटते ही राज्य निर्वाचन आयोग सक्रिय हो गया है. राज्य निर्वाचन आयुक्त सुशील कुमार ने इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "हाईकोर्ट के आदेश की प्रति का इंतजार है. आदेश का अध्ययन करने के बाद अगले कदम तय किए जाएंगे." हाईकोर्ट ने पंचायत चुनाव पर रोक हटाने के साथ ही सरकार को सीटों के आरक्षण और अन्य संबंधित मुद्दों पर नोटिस जारी किया है. सरकार को तीन सप्ताह के भीतर इस नोटिस का जवाब देना होगा. इस स्थिति में अब पंचायत चुनाव जुलाई में निर्धारित तारीखों पर आयोजित हो सकते हैं, और पूर्व में जारी आरक्षण के आधार पर ही चुनाव संपन्न होंगे.
सरकार ने कोर्ट में रखा पक्ष
धामी सरकार ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर पंचायत चुनाव पर लगी रोक हटाने की मांग की थी. सरकार ने तर्क दिया कि हाईकोर्ट ने 9 जून की नियमावली के गजट प्रकाशन न होने के आधार पर रोक लगाई थी, लेकिन 14 जून को गजट नोटिफिकेशन जारी हो चुका है. आरक्षण के मुद्दे पर सरकार ने कहा कि आरक्षण प्रक्रिया पूरी तरह से वैध है. सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि प्रारंभिक आरक्षण रोस्टर के बाद भी कई सीटों पर आरक्षण में बदलाव किए गए हैं, जो नियमानुसार हैं.
39 याचिकाओं पर चल रही सुनवाई
हाईकोर्ट में पंचायत चुनाव से संबंधित 39 से अधिक याचिकाओं पर सुनवाई चल रही है. इन याचिकाओं में 9 जून की नियमावली और 11 जून के सरकारी आदेश (जीओ) को चुनौती दी गई है. याचिकाकर्ताओं का दावा है कि सरकार असंवैधानिक तरीके से पंचायत चुनाव कराने की कोशिश कर रही है. कोर्ट इन सभी याचिकाओं पर गहनता से विचार कर रहा है, और जल्द ही इस मामले में अंतिम निर्णय की उम्मीद है.