सीएम धामी का सख्त निर्देश, नए साल से उत्तराखंड में एंट्री पर 80 से 700 रुपये तक देनी होगी फीस; देखें पूरी लिस्ट
उत्तराखंड में 01 जनवरी से बाहरी राज्यों के वाहनों पर 80 से 700 रुपये तक ग्रीन सेस लगेगा. यह शुल्क फास्टैग से वसूला जाएगा और कई श्रेणियों के वाहनों को छूट दी गई है.
देहरादून: नए साल से उत्तराखंड में प्रवेश करने वाले अन्य राज्यों के वाहनों को अब ग्रीन सेस देना होगा. यह शुल्क वाहन की श्रेणी के अनुसार 80 रुपये से लेकर 700 रुपये तक तय किया गया है. गुरुवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने परिवहन विभाग को इस व्यवस्था को जल्द लागू करने के निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री ने दो साल से ग्रीन सेस योजना लागू न हो पाने पर अधिकारियों पर नाराजगी भी जताई है.
परिवहन विभाग का दावा है कि यह व्यवस्था 01 जनवरी से प्रभावी कर दी जाएगी. सचिवालय की राजस्व समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रीन सेस लागू न होने से राज्य को करीब सौ करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्य के विकास के लिए अपने राजस्व को बढ़ाना सरकार की प्राथमिकता है.
सीएम ने आगे क्या कहा?
मुख्यमंत्री ने बताया कि दो सौ करोड़ रुपये की खनन सुधारों से आय राज्य को हुई है और 24,015 करोड़ रुपये का कर लक्ष्य वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए तय किया गया है. ग्रीन सेस योजना फरवरी 2024 में अधिसूचित हुई थी और दरों में संशोधन भी किया गया था, लेकिन तकनीकी और प्रशासनिक कारणों से यह अब तक लागू नहीं हो सकी. अब इसे फास्टैग आधारित प्रणाली से वसूला जाएगा ताकि प्रक्रिया पारदर्शी और सरल हो.
किन वाहनों पर नहीं लगेगा ग्रीन सेस?
दूसरे राज्यों के दो पहिया वाहन, केंद्र और राज्य सरकार के वाहन, अन्य राज्यों के सरकारी वाहन, ट्रैक्टर, ट्रेलर, रोड रोलर और कंबाइन हार्वेस्टर पर ग्रीन सेस नहीं लगेगा. इसके अलावा एंबुलेंस, शव वाहन, फायर टेंडर और सेना के वाहन भी इस शुल्क से मुक्त रहेंगे. सोलर, हाइब्रिड, इलेक्ट्रिक और सीएनजी से चलने वाले वाहनों को भी छूट दी गई है.
किस गाड़ी पर कितना लगेगा ग्रीन सेस?
भारी वाहनों पर एक्सल के अनुसार 450 से 700 रुपये तक शुल्क लिया जाएगा. भारी निर्माण उपकरण वाहनों से 250 रुपये वसूले जाएंगे. वहीं 7.5 से 18.5 टन के वाहनों से 250 रुपये और 3 से 7.5 टन तक के हल्के माल वाहनों से 120 रुपये और तीन टन तक की डिलीवरी वैन से 80 रुपये लिए जाएंगे. 12 सीट से अधिक की बसों पर 140 रुपये और मोटर कैब, मैक्सी कैब व पैसेंजर कार पर 80 रुपये ग्रीन सेस तय किया गया है.
कैसे कटेगा ग्रीन सेस?
एक बार दिया गया ये शुल्क पूरे दिन के लिए मान्य होगा. 20 गुना शुल्क देने पर तीन महीने और 60 गुना शुल्क देने पर एक साल तक की छूट मिलेगी. यूपी और हिमाचल सीमा पर 10 बॉर्डर चेक पोस्ट तैयार हैं और छह अन्य पर काम जारी है. फास्टैग से एपीएनआर कैमरों के जरिए सीधे ग्रीन सेस कटेगा. इससे राज्य को सालाना करीब 50 करोड़ रुपये की आय होने की उम्मीद है, जिसे पर्यावरण संरक्षण और बुनियादी ढांचे पर खर्च किया जाएगा.