UKSSSC announces new exam date: उत्तराखंड के लाखों अभ्यर्थियों के लिए राहत की खबर है. जिन उम्मीदवारों की 5 अक्टूबर को होने वाली परीक्षा रद्द हुई थी, उनके इंतजार को अब विराम मिल गया है. उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) ने इस परीक्षा की नई तारीख जारी कर दी है.
इसके साथ ही ये भी स्पष्ट कर दिया है कि अब यह परीक्षा 16 नवंबर को पारदर्शी तरीके से कराई जाएगी. इसी के साथ आयोग ने पुस्तकालयाध्यक्ष और सहायक पुस्तकालयाध्यक्ष भर्ती परीक्षा का परिणाम भी घोषित कर दिया है.
सहकारी निरीक्षक वर्ग-2 और सहायक विकास अधिकारी के 45 पदों पर भर्ती के लिए आयोजित की जाने वाली प्रतियोगी परीक्षा 5 अक्टूबर को पेपर लीक विवाद के कारण स्थगित कर दी गई थी. आयोग ने अब इस परीक्षा की नई तारीख 16 नवंबर 2025 तय की है.
आयोग के अध्यक्ष जीएस मर्तोलिया ने कहा कि इस परीक्षा को पारदर्शी तरीके से आयोजित करने के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. उनका कहना है कि अभ्यर्थियों को दोबारा इंतजार न करना पड़े, इसलिए परीक्षा कार्यक्रम जल्दी घोषित किया गया है. साथ ही, परीक्षा केंद्रों की सुरक्षा और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए विशेष निगरानी तंत्र भी तैयार किया गया है.
5 अक्टूबर की परीक्षा रद्द होने के बाद आयोग को कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा था. इसके बाद आयोग ने अपने परीक्षा तंत्र में कई बदलाव किए हैं. अब प्रत्येक परीक्षा केंद्र पर निगरानी कैमरे और बायोमेट्रिक सत्यापन की व्यवस्था की जाएगी. इसके अलावा, प्रश्न पत्र वितरण की प्रक्रिया को भी डिजिटल मोड में बदला गया है ताकि किसी भी प्रकार की गड़बड़ी की संभावना खत्म की जा सके.
सूत्रों के अनुसार, परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों को इस बार प्रवेश पत्र के साथ पहचान पत्र लाना अनिवार्य होगा, और किसी भी तरह की अनियमितता पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी.
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने पुस्तकालयाध्यक्ष और सहायक पुस्तकालयाध्यक्ष भर्ती परीक्षा का परिणाम भी जारी कर दिया है. यह परीक्षा 22 मार्च 2025 को कराई गई थी. आयोग ने बताया कि कुल 8 पदों पर चयन प्रक्रिया पूरी कर ली गई है.
चयनित उम्मीदवारों में पवन कुमार पांडे (उप पुस्तकालयाध्यक्ष), हिमांशु जोशी (पुस्तकालय एवं सूचना सहायक), अजीत सिंह नेगी (सूचीकार), चंदन सिंह जीना, प्रीति जोशी, मनोज चंद्र बसवाल, संतोषी गौर, और अर्पित कुमार सिंह शामिल हैं. आयोग ने कहा कि चयन प्रक्रिया पूरी तरह निष्पक्ष और योग्यता आधारित रही.
इन दोनों अपडेट्स के बाद अभ्यर्थियों में उत्साह देखा जा रहा है. कई उम्मीदवारों ने सोशल मीडिया पर आयोग के इस त्वरित फैसले की सराहना की है. आयोग का यह कदम राज्य में परीक्षा प्रक्रिया पर भरोसा बहाल करने की दिशा में अहम माना जा रहा है.