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India Daily

प्रदर्शनकारियों के आगे झुकी धामी सरकार, पेपर लीक मामले में रिटायर्ड जज बीएस वर्मा को सौंपा SIT की जांच की निगरानी का जिम्मा

उत्तराखंड सरकार ने UKSSSC स्नातक स्तरीय परीक्षा-2025 में पेपर लीक की जांच के लिए रिटायर्ड हाईकोर्ट जज बीएस वर्मा को विशेष जांच दल (SIT) का पर्यवेक्षक नियुक्त किया है.

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Edited By: Sagar Bhardwaj
Uttarakhand Paper Leak Probe
Courtesy: Grok

Uttarakhand Paper Leak Probe: उत्तराखंड में स्नातक स्तरीय परीक्षा में पेपर लीक का मामला तूल पकड़ चुका है. सरकार ने इसकी जांच को पारदर्शी बनाने के लिए रिटायर्ड जज बीएस वर्मा को कमान सौंपी है. यह कदम न केवल जांच की निष्पक्षता सुनिश्चित करेगा, बल्कि युवाओं के भरोसे को बहाल करने की कोशिश भी है. देहरादून के परेड ग्राउंड पर प्रदर्शनकारी तीसरे दिन भी डटे रहे, जो इस घोटाले को उत्तराखंड के बेरोजगार युवाओं के भविष्य पर हमला बता रहे हैं.

न्यायिक निगरानी की शुरुआत

रिटायर्ड जज बीएस वर्मा को एसआईटी की जांच की निगरानी का जिम्मा सौंपा गया है. वे जिलों का दौरा करेंगे, शिकायतों की समीक्षा करेंगे और जांच को सही दिशा देंगे. सरकार का यह फैसला प्रदर्शनकारियों के दबाव और जांच में विश्वसनीयता की मांग के बाद आया है. एसआईटी की कमान देहरादून की ग्रामीण पुलिस अधीक्षक जया बलूनी के पास है, जो 24 सितंबर को गठित इस दल का नेतृत्व कर रही हैं.

प्रदर्शनकारियों की मांगें

उत्तराखंड बेरोजगार संघ के अध्यक्ष राम कंडवाल ने कहा कि प्रदर्शनकारी तीन मांगों पर अड़े हैं: सीबीआई जांच, दोषपूर्ण परीक्षा रद्द कर एक महीने में नई परीक्षा, और UKSSSC अध्यक्ष का इस्तीफा. देहरादून में परेड ग्राउंड पर सैकड़ों युवा इन मांगों को लेकर डेरा डाले हुए हैं, जो इस घोटाले को उनके सपनों पर चोट मानते हैं.

आरोपियों पर शिकंजा

एसआईटी ने मुख्य आरोपी खालिद (35) को बुधवार को गिरफ्तार किया, जिसने हरिद्वार के एक केंद्र पर परीक्षा के दौरान प्रश्नपत्र की तस्वीरें खींची थीं. उसने ये तस्वीरें अपनी बहन सबिया को भेजीं, जिन्होंने टिहरी गढ़वाल की सहायक प्रोफेसर सुमन को जवाब के लिए दीं. जवाब वापस खालिद को भेजे गए, और स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर वायरल हो गए. सबिया को एक दिन पहले गिरफ्तार किया गया था.

अधिकारी पर कार्रवाई

पेपर लीक की घटना हरिद्वार के आदर्श बाल सदन इंटर कॉलेज में हुई, जहां सेक्टर मजिस्ट्रेट केएन तिवारी को लापरवाही का दोषी पाया गया. सरकार ने उन्हें निलंबित कर दिया है. तिवारी हरिद्वार के जिला ग्रामीण विकास एजेंसी के परियोजना निदेशक भी हैं. एसआईटी ने लोगों से जानकारी साझा करने की अपील की है, जिसके लिए ईमेल और व्हाट्सएप नंबर जारी किए गए हैं.