Kedarnath helicopter crash: उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में रविवार को हुए हेलीकॉप्टर दुर्घटना ने सात लोगों की जान ले ली. यह हादसा गौरीकुंड के घने जंगलों में हुआ, जहां खराब मौसम और जीरो विजिबिलिटी के कारण केदारनाथ मंदिर की ओर जा रहा हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया. मृतकों में महाराष्ट्र के यवतमाल का एक परिवार भी शामिल था, जिसमें एक दंपति और उनकी दो साल की बेटी थी. इस परिवार का बेटा, जो अपने दादा के पास रह गया था, इस त्रासदी में बच गया.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, वानी के पूर्व विधायक विश्वास नांदेकर ने बताया कि मृतकों में यवतमाल के ट्रांसपोर्ट व्यवसायी राजकुमार जायसवाल, उनकी पत्नी श्रद्धा और उनकी दो साल की बेटी काशी शामिल हैं. जायसवाल परिवार 12 जून को यवतमाल के वानी से केदारनाथ दर्शन के लिए रवाना हुआ था. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, दंपति का बेटा विवान इस हादसे से बच गया, क्योंकि वह अपने दादा के पास पंढरकावड़ा में रुक गया था और यात्रा पर नहीं गया.
हादसे में अन्य पीड़ित
इस दुर्घटना में हेलीकॉप्टर के पायलट राजवीर सिंह चौहान और बद्रीनाथ-उत्तराखंड मंदिर ट्रस्ट के सदस्य विक्रम सिंह रावत के अलावा उत्तर प्रदेश के विनोद देवी (66) और तुष्टि सिंह (19) की भी मौत हो गई.
खराब मौसम के कारण हुआ हादसा
रुद्रप्रयाग जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया, “खराब मौसम के कारण शून्य दृश्यता के चलते यह दुर्घटना हुई. नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने घोषणा की है कि इस हादसे की जांच विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) द्वारा की जाएगी.
हेलीकॉप्टर सेवाएं निलंबित
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हादसे के बाद चारधाम यात्रा मार्ग पर हेलीकॉप्टर सेवाओं को दो दिनों के लिए निलंबित करने की घोषणा की. एक आधिकारिक बयान में कहा गया, “हेलीकॉप्टर में पांच यात्री, एक शिशु और एक चालक दल का सदस्य सवार था. हेलीकॉप्टर ने गुप्तकाशी से सुबह 5:10 बजे उड़ान भरी और 5:18 बजे श्री केदारनाथ जी हेलीपैड पर उतरा. हेलीकॉप्टर ने फिर 5:19 बजे गुप्तकाशी के लिए उड़ान भरी और गौरीकुंड के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया.
हाल के हेलीकॉप्टर हादसों का सिलसिला
यह हादसा हाल के दिनों में उत्तराखंड में हुआ तीसरा हेलीकॉप्टर हादसा है. इससे पहले, 8 मई को गंगोत्री धाम जा रहा एक हेलीकॉप्टर उत्तरकाशी में क्रैश हो गया था, जिसमें छह लोगों की जान गई थी. वहीं, 7 जून को केदारनाथ जा रहे एक हेलीकॉप्टर को तकनीकी खराबी के कारण आपातकालीन लैंडिंग करनी पड़ी थी, जिसमें पायलट घायल हुआ था, लेकिन सभी श्रद्धालु सुरक्षित बच गए थे.