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India Daily

'जिन्होंने कभी शादी ही नहीं की वो क्या जानें परिवार चलाने का दर्द', मोहन भागवत के तीन बच्चों वाले बयान पर हरीश रावत का तंज

गुरुवार को RSS प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था कि देश हित में हर परिवार को कम से कम तीन बच्चे पैदा करने चाहिए. उनके इस बयान ने राष्ट्रीय स्तर पर बहस छेड़ दी है.

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Edited By: Sagar Bhardwaj
Harish Rawat on Mohan Bhagwat statement
Courtesy: Harish Rawat on Mohan Bhagwat statement

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत के ‘हर भारतीय को तीन बच्चे पैदा करने चाहिए’ वाले बयान ने सियासी हलचल मचा दी है. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेता हरीश रावत ने तंज कसा और कहा कि RSS की अपनी विचारधारा है, लेकिन कांग्रेस ‘हम दो, हमारे दो’ की राष्ट्रीय नीति का समर्थन करती है. रावत ने चुटकी लेते हुए कहा, “जिनके पास खुद का परिवार नहीं है, वे तीन बच्चों की बात करते हैं. उन्हें परिवार चलाने की चुनौतियों का क्या पता?”

भागवत ने दी थी तीन बच्चा पैदा करने की सलाह

गुरुवार को RSS प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि भारत की जनसंख्या नीति में प्रति परिवार 2.1 बच्चों की सिफारिश है, जिसका मतलब वास्तव में तीन बच्चे हैं. उन्होंने स्पष्ट किया, “2.1 का मतलब है तीन बच्चे, क्योंकि .1 बच्चा तो होता नहीं. हर भारतीय को अपने परिवार में तीन बच्चे सुनिश्चित करने चाहिए. यह बात मैं देश के दृष्टिकोण से कह रहा हूं.” भागवत ने जनसंख्या को नियंत्रित और पर्याप्त रखने की आवश्यकता पर जोर दिया.

जनसंख्या असंतुलन पर चिंता

हालांकि भागवत ने जनसंख्या असंतुलन को लेकर भी चिंता जताई. उन्होंने कहा कि जनसंख्या सभी समुदायों में बढ़ रही है, लेकिन हिंदू समुदाय में वृद्धि दर पहले से कम थी और अब और कम हो रही है. अन्य समुदायों में भी जनसंख्या वृद्धि दर में कमी आई है, लेकिन उतनी नहीं जितनी हिंदुओं में. उन्होंने सुझाव दिया कि तीन बच्चों की नीति से जनसंख्या नियंत्रित और पर्याप्त रहेगी.

सियासी तकरार और नीतिगत बहस

भागवत के इस बयान ने जनसंख्या नीति पर नई बहस छेड़ दी है. जहां RSS प्रमुख ने इसे राष्ट्रीय हित से जोड़ा, वहीं कांग्रेस ने इसे अव्यावहारिक बताते हुए परिवार नियोजन की राष्ट्रीय नीति पर जोर दिया. यह मुद्दा आने वाले दिनों में और गर्माने की संभावना है.