Glacier Breaks On Kuber Mountain: जलवायु परिवर्तन के कारण ग्लेशियर लगातार पिघल रहे हैं. शुक्रवार को उत्तराखंड के बद्रीनाथ क्षेत्र में कुबेर पर्वत से ग्लेशियर टूटने की घटना सामने आई. यह ग्लेशियर कंचनगंगा नाले में टूटकर आया है. हालांकि इस घटना में किसी जान माल के नुकसान की खबर नहीं है, लेकिन ग्लेशियर टूटने की खबर मिलते ही आस पास इलाकों के लोग सहम गए.
ग्लेशियर टूटने की घटना कोई पहली बार नहीं हुई है. हाल के महीनों व सालों में उत्तराखंड में आए दिन ऐसी घटना होती रहती हैं. उप जिलाधिकारी चंद्रशेखर वशिष्ठ ने बताया कि ग्लेशियर एवं चट्टान टूटी है लेकिन कोई नुकसान नहीं हुआ है.
बद्रीनाथ क्षेत्र में कुबेर पर्वत से टूटा ग्लेशियर। कंचनगंगा नाले में अचानक बढ़ा पानी का बहाव। किसी तरह का कोई नुकसान नहीं। स्थानीय प्रशासन और आपदा प्रबंधन टीमें अलर्ट मोड पर।
ऊंचाई वाले क्षेत्रों में लगातार बदलता मौसम। #badrinathdham #chamoli pic.twitter.com/HkDBCnUEsO— Ajit Singh Rathi (@AjitSinghRathi) October 17, 2025
फरवरी में माणा कैंप के पास हुआ था हिमस्खलन
इसी साल 28 फरवरी को भी उत्तराखंड के ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी के बीच भारत-चीन सीमा क्षेत्र में माणा कैंप के पास भारी हिमस्खलन हुआ था. इस हिमस्खलन में वहां निर्माण कार्य में लगे 55 मजदूर बर्फ में दब गए.
चमोली के रैणी में टूटा था ग्लेशियर
इससे पहले साल 2021 में भी चमोली के रैणी में ग्लेशियर टूटने की घटना हुई थी, उस समय ग्लेशियर टूटने से ऋषिगंगा में बाढ़ के कारण 206 लोगों की मौत हो गई थी.
जलवायु परिवर्तन से लगातार पिघल रहे ग्लेशियर
वैसे तो ग्लेशियर का पिघलना या टूटाना एक प्राकृतिक प्रक्रिया है लेकिन जलवायु परिवर्तन जैसे तापमान बढ़ने के कारण इनके पिघलने की गति काफी तेज हो गई है जिससे समुद्र का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. समुद्र का जलस्तर बढ़ने से तटीय क्षेत्रों और उन समुदायों के लिए खतरा बढ़ता जा रहा है जो ग्लेशियर आधारित जल स्रोतों पर निर्भर हैं.