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काशीपुर में नशे का बड़ा जाल बेनकाब, ट्रांसपोर्ट के जरिए भेजे जा रहे थे 43,950 नशीले इंजेक्शन

उत्तराखंड के काशीपुर कोतवाली से एक मामला सामने आ रहा है जिसमें एसओजी और फूड सेफ्टी एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने लगभग एक करोड़ से ज्यादा के मूल्य के नशे के इंजेक्शन पकड़े हैं. पुलिस की बड़ी कार्यवाही में उनके हाथ 43 हजार 950 इंजेक्शन लगे हैं.

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Meenu Singh

उत्तराखंड: उत्तराखंड के काशीपुर कोतवाली से एक मामला सामने आ रहा है, जिसमें एसओजी और फूड सेफ्टी एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने लगभग एक करोड़ से ज्यादा के मूल्य के नशे के इंजेक्शन पकड़े हैं.

पुलिस की बड़ी कार्यवाही में उनके हाथ 43 हजार 950 इंजेक्शन लगे हैं. बता दें आरोपी अभी फरार है हालांकि पुलिस की तफतीश जारी है. पुलिस ने आश्वासन दिया है कि आरोपी जल्द ही उनकी गिरफ्त मे होगा. 

ट्रांसपोर्ट से करता था नशीले इंजेक्शन की तस्करी

काशीपुर कोतवाली पुलिस ने नशा तस्करों के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया है. दरअसल, काशीपुर के एसओजी मणिकांत मिश्रा और फूड सेफ्टी एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन की संयुक्त टीम ने संयुक्त रूप से इन नशा तस्करों के खिलाफ बड़ी कार्यावाही की.

जिसमें उन्होंने करीब 1 करोड़ 32 लाख के मूल्य के लगभग 43 हजार 950 नशीले इंजेक्शन बरामद किए. बता दें तस्करों द्वारा ट्रांसपोर्ट के माध्यम से नशे की भारी खेल मंगाई गई थी. माल के जब्त होने के बाद से अब पुलिस आरोपी की तफतीश में कार्य कर रही है. 

16 पेटी इंजेक्शन हुए बरामद

दरअसल रिपोर्ट के अनुसार 15 दिसंबर 2025 को पुलिस को सूचित किया गया था कि काशीपुर क्षेत्र में भारी मात्रा में नशे की खेप ट्रांसपोर्ट होने वाली है, जिसके बाद से ही काशीपुर पुलिस, एसओजी और फूड सेफ्टी एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन की टीम हरकत में आ गई थी.

उन्होंने संयुक्त रूप से SAFEXPRESS ट्रांसपोर्ट, दड़ियाल रोड, टांडा उज्जैन और काशीपुर में चेकिंग की. चेकिंग के दौरान उन्हें कई संदिग्ध पेटियां मिली. बता दें जांच के बा्द पुलिस ने इंजेक्शन से भरी 16 पेटी  बरामद की. जांच में जुटी टीम को BINORPHINE (Buprenorphine Injection IP) के 1,598 डिब्बों में कुल 39,950 इंजेक्शन और 02 पेटियों में REXOGESIC (Buprenorphine Injection) के 160 डिब्बों में कुल 4,000 इंजेक्शन मिले. 

कंट्रोल्ड ड्रग्स हैं ये दवाएं

उधम सिंह नगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मणिकांत मिश्रा ने इन दोनो दवाओं के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि ये दोनों दवाएं कंट्रोल्ड ड्रग्स है. कंट्रोल्ड ड्रग्स ऐसी  दवाएं है जिनके गलत प्रयोग की आशंका रहती है. नशे के आदी लोग इनका ज्यादा डोज लेकर अपनी नशे की लत पूरी कर सकते हैं.

जिस कारण सरकार इनके निर्माण और उपयोग को नियंत्रित करती है. मणिकांत मिश्रा ने आगे बताया कि वह इस पूरे मामले के आरोपी की तलाश कर रहे हैं और वह जल्द ही पकड़ा जाएगा.