चमोली हाइड्रो प्रोजेक्ट में सुरंग हादसा, शिफ्ट बदलते समय आंतरिक रेल सिस्टम की आपस में टक्कर, 60 मजदूर हुए घायल

उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित विष्णुगढ़-पीपलकोटी हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट में एक गंभीर दुर्घटना सामने आई है. परियोजना की सुरंग के अंदर मजदूरों को ले जाने वाले लोकल रेल आधारित आंतरिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम में दो यूनिट आपस में टकरा गई.

@LaszloRealtor X account
Meenu Singh

चमोली: उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित विष्णुगढ़-पीपलकोटी हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट में एक गंभीर दुर्घटना सामने आई है. परियोजना की सुरंग के अंदर मजदूरों को ले जाने वाले लोकल रेल आधारित आंतरिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम में दो यूनिट आपस में टकरा गई.

यह हादसा शिफ्ट बदलने के समय हुआ, जिससे सुरंग के भीतर अफरा-तफरी मच गई और कई मजदूर घायल हो गए. इस हादसे में करीब 60 मजदूरों को चोट आई है. 

कैसे हुआ हादसा?

इस परियोजना में मजदूरों को सुरंग के अंदर लाने और बाहर ले जाने के लिए रेल जैसी एक आंतरिक परिवहन व्यवस्था बनाई गई है. यह सिस्टम इंडियन रेलवे से जुड़ा नहीं है, बल्कि प्रोजेक्ट प्रबंधन द्वारा संचालित किया जाता है.

हादसे के समय मजदूर शिफ्ट बदलकर इसी ट्रांसपोर्ट वाहन से सफर कर रहे थे. तभी किसी कारण से सुरंग के भीतर आमने-सामने से आ रही दो यूनिटों की टक्कर हो गई. टक्कर काफी तेज थी, जिससे वाहन के अंदर बैठे और खड़े कई मजदूर नीचे गिर पड़े और उन्हें गंभीर चोटें आई.

करीब 60 मजदूर हुए घायल

रिपोर्ट के अनुसार, दुर्घटना के वक्त सुरंग में लगभग 108 से 109 मजदूर मौजूद थे. सूचना दी जा रही है कि करीब 60 मजदूर घायल हुए हैं. घायलों में से 17 मजदूरों को पीपलकोटी के विवेकानंद अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जबकि अन्य घायलों का इलाज जिला अस्पताल गोपेश्वर में किया जा रहा है. कई मजदूरों को फ्रैक्चर जैसी चोटें आई हैं.

राहत और इलाज व्यवस्था

हादसे की सूचना मिलते ही प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीमें मौके पर पहुंच गई. मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) के नेतृत्व में मेडिकल टीम ने घायलों की जांच की और इलाज में जुट गई. घटना में घायल मजदूरों को तत्काल चिकित्सा सहायता दी गई. टीम अभी भी इलाज में  जुटी हुई है. 

जिलाधिकारी ने दिए गए जांच के आदेश 

चमोली के जिलाधिकारी गौरव कुमार ने इस घटना के पीछे के कारण का पता लगाने के लिए जांच के आदेश दे दिए हैं. गौरव कुमार ने परियोजना प्रबंधन से अब विस्तृत रिपोर्ट मांगी है.

इसके साथ ही प्रोजेक्ट साइट पर सुरक्षा व्यवस्था और आंतरिक परिवहन सिस्टम की भी समीक्षा शुरू कर दी गई है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके. साथ ही मजदूरों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके.