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पहले भी बाहुबलियों पर नकेल कस चुकी हैं गाजीपुर DM, जानें कौन हैं मुख्तार के भाई को चुप कराने वाली आर्यका अखोरी

Who is DM Aryaka Akhori: गाजीपुर में मुख्तार अंसारी को सुपुर्द-ए-खाक करते वक्त गाजीपुर की महिला डीएम और मुख्तार के भाई अफजाल अंसारी की बीच तीखी बहस हुई. इससे पहले भी गाजीपुर की डीएम काफी चर्चाओं में रही हैं.

Imran Khan claims

Who is DM Aryaka Akhori: यूपी के पूर्व विधायक और गैंगस्टर मुख्तार अंसारी का निधन हो चुका है जिसके बाद शनिवार को उन्हें सुपुर्द ए खाक किया गया. इस दौरान सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें मुख्तार अंसारी के भाई और मौजूदा सांसद अफजाल अंसारी डीएम आर्यका अखौरी से बहस करते हुए नजर आ रहे हैं.

इस वीडियो में अफजाल को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि उन्हें अपने भाई को मिट्टी देने के लिए किसी की इजाजत की जरूरत नहीं है जिस पर वहां खड़ी डीएम आर्यका ने ऐसा जवाब दिया कि हजारों की भीड़ के सामने उनकी बोलती बंद हो गई. इसके बाद से लगातार यह सवाल उठ रहा है कि यूपी की ये निडर डीएम कौन हैं.

इसलिए चर्चाओं में रहती हैं DM आर्यका अखोरी

तो आइये आपको बता दें के यूपी के गाजीपुर की डीएम आर्यका आखौरी अपने डिसिप्लिनरी और कड़े रवैये के लिए पहले भी चर्चा में बनी रही हैं. वो पहली बार चर्चा में तब आई जब उन्होंने अपनी मीटिंग में आने वाले अधिकारियों के जीन्स और टी-शर्ट पहनकर शामिल होने पर रोक लगाई और ये भी कहा कि जो इसका पालन नहीं करेगा उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

आर्यका को यूपी के तेज तर्रार आईएएस अधिकारियों में गिना जाता है. उन्होंने भदोही में हुई अपनी पहली पोस्टिंग के दौरान ही बाहुबली विधायक विजय मिश्र पर नकेल कसते हुए कई असलहों के लाइसेंस रद्द कर दिए थे. 

साल 2013 बैच की अधिकारी हैं आर्यका

आर्यका को उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से महिलाओं तक योजनाओं को पहुंचाने और उसका लाभ दिलाने के लिए सम्मानित किया जा चुका है.आर्यका बिहार की रहने वाली हैं और साल 2013 के बैच की आईएस अधिकारी हैं. उनकी शुरुआती पढ़ाई में बिहार में तो वहीं पर उच्च शिक्षा दिल्ली से पूरी हुई है. दिल्ली यूनिवर्सिटी से एमएससी करने वाली आर्यका ने आईएएस की ट्रेनिंग पूरी करने के बाद भदोही में अपनी पहली पोस्टिंग संभाली थी.

इससे पहले वो वाराणसी और मेरठ में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट के साथ सीडीओ का पद भी संभाल चुकी हैं. इस दौरान 2015-16 में वो वाराणसी में उप जिलाधिकारी भी रह चुकी हैं. वहीं लखनऊ में वो स्पेशल एजुकेशन सेक्रेटरी के पद पर भी काम कर चुकी हैं. आर्यका की दूसरी नियुक्ति ही गाजीपुर में हुई है.

गुरुवार रात को हुआ था मुख्तार का निधन

गुरुवार देर रात मुख्तार अंसारी की बांदा जेल में तबियत खराब हो गई. जेल प्रशासन और जिला प्रशासन के अधिकारियों ने उन्होंने तुरंत बांदा मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया, जहां करीब 9.30 से 10 बजे की बीच में डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. मुख्तार की मौत की सूचना पर गाजीपुर, बांदा, मऊ और लखनऊ समेत पूरे प्रदेश में प्रशासन को हाई अलर्ट पर रखा गया. डॉक्टरों ने उनकी मौत का कारण हार्ट अटैक बताया था, हालांकि परिवार वालों का आरोप है कि उनको जेल में खाने में जहर दिया गया था. 

शुक्रवार को पोस्टमार्टम के बाद मुख्तार के शव को परिवार वालों के हवाले किया गया. आज यानी शनिवार को गाजीपुर के मोहम्मदाबाद में उनको सुपुर्द-ए-खाक किया गया. यहां हजारों की संख्या में अंसारी परिवार के समर्थक जुटे. मुख्तार के भाई अफजाल अंसारी भी यहां पहुंचे. कब्रिस्तान के बाहर भारी संख्या में भीड़ को देखते हुए जिलाधिकारी आर्यका अखोरी भी यहां पहुंची. 

जानिए डीएम और अफजाल में क्यों हुई बहस

डीएम आर्यका ने कहा कि कब्रिस्तान के अंदर सिर्फ परिवार के ही लोग जाएंगे. इस पर मुख्तार के भाई अफजाल अंसारी ने कहा कि बाकी लोगों को अंदर आने से कोई नहीं रोक सकता है. इसी बात को लेकर डीएम आर्यका अखोरी और अफजाल अंसारी के बीच तीखी बहस हो गई. डीएम ने साफ तौर पर कहा कि मैं यहां की डीएम हूं. मैं परिवार के अलावा किसी और को अनुमति नहीं दे सकती हूं. डीएम ने कहा कि पूरे प्रदेश में धारा 144 लागू है. 

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