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'8 साल की चुप्पी, डर और टूटता भरोसा', SC के जमानत रद्द करने के आदेश के बाद कुलदीप सेंगर की बेटी इशिता का खुला खत

उन्नाव रेप केस में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद दोषी कुलदीप सिंह सेंगर की बेटी इशिता सेंगर के खुले पत्र ने न्याय, डर और भरोसे के संकट को लेकर नई बहस छेड़ दी है.

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Kanhaiya Kumar Jha

लखनऊ: उन्नाव रेप केस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाई कोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसमें दोषी कुलदीप सिंह सेंगर की उम्रकैद की सजा को सस्पेंड किया गया था. इसी बीच सेंगर की बेटी इशिता सेंगर ने एक भावुक खुला पत्र लिखकर न्याय व्यवस्था, सामाजिक दबाव और अपने परिवार की पीड़ा को सामने रखा है. यह पत्र कानूनी प्रक्रिया और सार्वजनिक धारणा के टकराव को उजागर करता है.

सुप्रीम कोर्ट ने 23 दिसंबर को दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगाते हुए साफ किया कि कुलदीप सिंह सेंगर फिलहाल जेल से बाहर नहीं आएंगे. चीफ जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच ने कहा कि इस मामले में असामान्य परिस्थितियां हैं. सेंगर पहले से ही एक अन्य आपराधिक मामले में सजा काट रहे हैं, इसलिए रिहाई पर रोक जरूरी है. कोर्ट ने चार हफ्ते में जवाब मांगा है.

बेटी इशिता का खुला पत्र

सेंगर की बेटी इशिता सेंगर ने खुद को थकी हुई, डरी हुई और भरोसा खोती हुई बताया. उन्होंने लिखा कि उनका परिवार आठ साल से चुपचाप न्याय का इंतजार करता रहा. चुप्पी कमजोरी नहीं, बल्कि संस्थानों पर भरोसे का प्रतीक थी. इशिता ने कहा कि उनके पिता की राजनीतिक पहचान के कारण उन्हें शक्तिशाली कहा गया, लेकिन उनकी आवाज कभी सुनी नहीं गई.

धमकियों और सामाजिक दबाव का दर्द

इशिता ने अपने पत्र में यह भी बताया कि उन्हें वर्षों तक सोशल मीडिया पर रेप और जान से मारने की धमकियां मिलीं. उन्होंने कहा कि यह दुर्व्यवहार रोजमर्रा का हिस्सा बन गया था.  उन्होंने सवाल उठाया कि अगर जनता का गुस्सा और दबाव तथ्यों पर हावी हो जाए, तो आम नागरिक की सुरक्षा कैसे होगी.

कानूनी बहस और CBI का पक्ष

सुप्रीम कोर्ट में CBI की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इसे बाल रेप का बेहद गंभीर मामला बताया. उन्होंने कहा कि विधायक होने के कारण सेंगर की स्थिति पीड़िता पर हावी थी, जिससे POCSO कानून लागू होता है. कोर्ट ने इस बात पर भी चिंता जताई कि जनप्रतिनिधियों को सरकारी कर्मचारी की परिभाषा से बाहर रखना भविष्य में कानूनी छूट का रास्ता खोल सकता है.

ऐश्वर्या सेंगर के आरोप और आगे की राह

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सेंगर की दूसरी बेटी ऐश्वर्या सेंगर ने आरोप लगाया कि उनके परिवार को केस की खूबियों पर बहस का पूरा मौका नहीं मिला. उन्होंने मेडिकल रिपोर्ट और बयान बदलने जैसे तथ्यों की अनदेखी का दावा किया. दूसरी ओर पीड़िता की मां ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है. अब सबकी नजर जनवरी के अंत में होने वाली अगली सुनवाई पर टिकी है.