KGMU में लव जिहाद, हिंदू महिला डॉक्टर पर बनाया गया धर्म परिवर्तन का दबाव, आरोपी डॉक्टर से मांगा गया कुंवारा होने का सबूत
लखनऊ के केजीएमयू में एक महिला हिंदू रेजिडेंट डॉक्टर ने सहकर्मी डॉक्टर पर धर्म परिवर्तन का दबाव और धोखे का आरोप लगाया है. मामला विशाखा कमेटी और महिला आयोग के पास पहुंचा है.
लखनऊ स्थित किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) में सामने आया एक मामला अब चिकित्सा संस्थानों की आंतरिक सुरक्षा, महिला अधिकारों और अंतरधार्मिक संबंधों को लेकर गंभीर बहस का कारण बन गया है. एक महिला हिंदू रेजिडेंट डॉक्टर ने आरोप लगाया है कि उसे प्रेम के नाम पर धोखे में रखा गया और बाद में धर्म परिवर्तन के लिए दबाव बनाया गया. मामला सामने आने के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन, विशाखा कमेटी और राज्य महिला आयोग हरकत में आ गए हैं.
अविवाहित बताकर बढ़ाईं नजदीकियां
पीड़ित महिला रेजिडेंट डॉक्टर ने उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग में लिखित शिकायत देकर बताया कि एक अन्य समुदाय के रेजिडेंट डॉक्टर ने अपनी वैवाहिक स्थिति छिपाकर उससे नजदीकियां बढ़ाईं. शादी की बात आने पर आरोपी ने उस पर धर्म परिवर्तन का दबाव बनाया. महिला का कहना है कि मानसिक तनाव इतना बढ़ गया कि उसने आत्मघाती कदम तक उठा लिया. समय रहते परिजनों और साथियों की मदद से उसकी जान बच सकी.
विशाखा कमेटी के सामने दोनों पक्ष
केजीएमयू की कुलपति डॉ. सोनिया नित्यानंद के निर्देश पर मामले की जांच विशाखा कमेटी को सौंपी गई. सोमवार को कमेटी ने दोनों रेजिडेंट डॉक्टरों को बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया. शुरुआत में संपर्क नहीं हो सका, लेकिन बाद में दोनों पेश हुए. महिला डॉक्टर ने अपनी शिकायत दोहराई, जबकि आरोपी डॉक्टर ने सभी आरोपों से इनकार करते हुए खुद को अविवाहित बताया.
आरोपी से मांगे कुंवारा होने के सबूत
कमेटी के सामने आरोपी डॉक्टर के कुंवारा होने के दावे पर सवाल उठे. विश्वविद्यालय के प्रवक्ता डॉ. केके सिंह ने बताया कि पीड़िता ने अपनी शिकायत में आरोपी की पहली पत्नी का उल्लेख किया है. इसी आधार पर विशाखा कमेटी ने आरोपी से कुंवारा होने के दस्तावेजी प्रमाण या शपथ पत्र प्रस्तुत करने को कहा है. जांच देर रात तक चली और अंतिम निष्कर्ष का इंतजार किया जा रहा है.
दोषी पाए जाने पर होगी सख्त कार्रवाई
राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष बबीता चौहान ने कहा कि शिकायत मिलने के बाद निष्पक्ष जांच शुरू की गई है और दोषी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई होगी. आयोग की उपाध्यक्ष अपर्णा यादव ने मामले को गंभीर बताते हुए कहा कि महिला पर दबाव और धोखा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने भरोसा दिलाया कि जरूरत पड़ने पर पुलिस कार्रवाई भी सुनिश्चित की जाएगी.
केजीएमयू परिसर में प्रदर्शन
मामले के सामने आने के बाद विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने केजीएमयू परिसर में प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने आरोपी डॉक्टर को बर्खास्त करने और एफआईआर दर्ज करने की मांग की. विश्वविद्यालय प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि जांच पूरी होने तक निष्पक्ष प्रक्रिया अपनाई जाएगी और दोषी पाए जाने पर कठोर कदम उठाए जाएंगे. फिलहाल पूरे मामले पर सबकी नजर विशाखा कमेटी की रिपोर्ट पर टिकी है.