रायबरेली में एक दलित युवक की भीड़ द्वारा की गई हत्या ने उत्तर प्रदेश की सियासत में हलचल मचा दी है. पुलिस जहां इसे 'अफवाह के चलते हुई गलती' बता रही है, वहीं कांग्रेस इसे राजनीतिक रंग देने से नहीं चूक रही.
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में युवक के मुंह से 'राहुल गांधी' शब्द सुनाई देने और हमलावरों के 'बाबा समर्थक' कहने के बाद अब यह घटना सियासी तूल पकड़ चुकी है.
पुलिस के मुताबिक, फतेहपुर का रहने वाला 38 वर्षीय हरिओम अपने ससुराल डंडेपुर जमुनापुर जा रहा था. रास्ते में कुछ लोगों ने उसे रोक लिया और उस पर आरोप लगाया कि वह 'ड्रोन से घरों पर निशान लगाने वाले गिरोह' का सदस्य है. देखते ही देखते भीड़ ने बेल्ट और डंडों से उसकी बेरहमी से पिटाई शुरू कर दी. गंभीर चोटों की वजह से हरिओम की मौके पर ही मौत हो गई.
Came across a very disturbing video from Raebareli, Uttar Pradesh, where a Dalit youth Hariom was lynched and killed by a few criminals.
— Dr. Shama Mohamed (@drshamamohd) October 5, 2025
When he repeatedly said “Rahul Gandhi, @RahulGandhi ,” those criminals claimed they were supporters of Yogi.
This is what the double engine… pic.twitter.com/s4M6JziAfj
घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसमें हरिओम कमजोर आवाज में 'राहुल गांधी' कहते सुना जा सकता है. इसके जवाब में भीड़ में शामिल कुछ लोग कहते हैं, 'यहां सब बाबा के हैं.' कांग्रेस प्रवक्ता शमा मोहम्मद ने इसी वीडियो का हवाला देते हुए कहा कि हमलावर मुख्यमंत्री के समर्थक थे. उन्होंने आरोप लगाया कि 'बीजेपी राज में कोई भी सुरक्षित नहीं है.'
कांग्रेस ने इस घटना को लेकर प्रदेश सरकार पर जमकर निशाना साधा है. पार्टी प्रवक्ता शमा मोहम्मद ने कहा कि जब मुख्यमंत्री खुद समाज में विभाजन की भाषा बोलते हैं, तो उनके समर्थकों का यह व्यवहार आश्चर्यजनक नहीं है. उन्होंने सवाल उठाया कि अगर यह अफवाहों का मामला था तो प्रशासन ने पहले से एहतियात क्यों नहीं बरता?
रायबरेली एसपी डॉ. यशवीर सिंह ने बताया कि पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और उंचाहार थाने के एसएचओ संजय कुमार को लापरवाही के कारण हटा दिया गया है. उन्होंने माना कि इलाके में 'ड्रोन से चोरी करने वाले गिरोह' की अफवाहें पहले से फैल रही थीं, जिन पर रोक नहीं लगाई जा सकी. अब पुलिस ने ऐसे फेक मैसेज फैलाने वालों पर निगरानी बढ़ा दी है.
यह घटना न केवल एक अफवाह की भयावह परिणति दिखाती है, बल्कि यह भी बताती है कि सोशल मीडिया और अफवाहों का संगम कितना खतरनाक हो सकता है. फिलहाल पुलिस ने त्वरित कार्रवाई का दावा किया है, लेकिन सवाल यह है कि क्या ऐसी अफवाहें फिर किसी और जान नहीं लेंगी?