Sambhal bulldozer action: योगी आदित्यनाथ सरकार ने शनिवार को संभल जिले के मंडलाई गांव में समाजवादी पार्टी के विधायक नवाब इकबाल महमूद के बाग पर बुलडोज़र चलाकर कथित तौर पर अतिक्रमण की गई 3.5 बीघा सरकारी जमीन को वापस दिलाया. 123 बीघा में फैला यह बाग महमूद और उनके बेटों फैज और सुहैल इकबाल के नाम पर दर्ज है.
अधिकारियों का कहना है कि विधायक ने अपने बाग की सीमाओं में करीब साढ़े 3 बीघा सरकारी भूमि को शामिल कर लिया था. उप-विभागीय मजिस्ट्रेट और सरकारी अधिकारियों के नेतृत्व में यह अभियान स्थानीय पुलिस के साथ-साथ वन, ट्यूबवेल और राजस्व विभाग की टीमों की उपस्थिति में चलाया गया.
इस साल की शुरुआत में शीर्ष अदालत ने प्रयागराज में उत्तर प्रदेश सरकार की अत्याचारी विध्वंस कार्रवाई पर कड़ी फटकार लगाते हुए कहा था कि "इससे हमारी अंतरात्मा को झटका लगा है." न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति उज्जल भुयान की खंडपीठ ने कहा, "यह हमारी अंतरात्मा को झकझोर देता है कि किस तरह आवासीय परिसर को मनमाने तरीके से ध्वस्त कर दिया गया. जिस तरह से पूरी प्रक्रिया को अंजाम दिया गया वह चौंकाने वाला है. अदालतें ऐसी प्रक्रिया को बर्दाश्त नहीं कर सकतीं. अगर हम एक मामले में बर्दाश्त करते हैं तो यह जारी रहेगा."
पिछले साल बुलडोजर कार्रवाई के विरुद्ध याचिकाओं की एक श्रृंखला की सुनवाई करते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने कहा था कि इस तरह के उपाय संवैधानिक सिद्धांतों और कानूनी अधिकारों का उल्लंघन करते हैं तथा इस बात पर बल दिया था कि कार्यकारी कार्रवाई न्यायिक प्रक्रियाओं को दरकिनार नहीं कर सकती.