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11 साल बाद मिला इंसाफ, जमीनी विवाद में परिवार के 4 सदस्यों को उतारा था मौत के घाट, 6 दोषियों को उम्रकैद

बाराबंकी की एक कोर्ट ने 2014 में प्रॉपर्टी विवाद को लेकर परिवार के चार लोगों की हत्या के मामले में छह लोगों को उम्रकैद की सज़ा सुनाई है. पीड़ितों को बंधा हुआ और गला घोंटा हुआ पाया गया था.

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Princy Sharma

बाराबंकी: उत्तर प्रदेश के बाराबंकी की एक स्थानीय अदालत ने संपत्ति विवाद को लेकर एक परिवार के चार सदस्यों की बेरहमी से हत्या करने के आरोप में एक महिला सहित छह लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई है. यह अपराध 11 साल पहले हुआ था, लेकिन इस हफ्ते आखिरकार न्याय मिला. यह फैसला बुधवार को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश राकेश कुमार सिंह प्रथम ने सुनाया.

उम्रकैद के साथ-साथ, अदालत ने सभी छह दोषियों पर ₹75,000 का जुर्माना भी लगाया है. जिला सरकारी वकील अरविंद राजपूत के अनुसार, दोषियों में चंद्रशेखर, उनकी पत्नी जानकी उर्फ ​​जानकली और उनके साथी राजू वर्मा, अर्जुन सिंह, दिनेश गौतम और जितेंद्र शामिल हैं. अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने और अभियोजन पक्ष द्वारा पेश किए गए सबूतों की जांच के बाद सभी को दोषी पाया.

11 साल पहले हुआ अपराध 

यह भयानक घटना 10 फरवरी, 2014 को सामने आई. दरियाबाद पुलिस स्टेशन के तहत दुल्हादेपुर गांव के रहने वाले मनोज वर्मा दोपहर करीब 1:30 बजे मथुरा नगर गांव में अपने चाचा शिवबरन वर्मा से मिलने उनके घर गए. जब ​​वह पहुंचे, तो उन्होंने देखा कि घर का दरवाजा खुला हुआ था, जो असामान्य लग रहा था.

घर में घुसते दिखा खौफनाक नजारा

जैसे ही वह घर में घुसे, उन्हें एक परेशान करने वाला दृश्य दिखा. शिवबरन वर्मा, उनकी पत्नी रानी, ​​उनकी बेटी गुड़िया देवी और उनके बेटे निर्मल के शव अंदर पड़े थे. रानी और निर्मल के हाथ रस्सियों से बंधे थे और परिवार के चारों सदस्यों के गले में प्लास्टिक के फंदे मिले. घर से तेज बदबू आ रही थी, जिससे यह शक बढ़ गया कि उनकी हत्या कुछ दिन पहले की गई थी.

चार लोगों को दी सुपारी

पुलिस ने तुरंत दरियाबाद पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया. जांच तत्कालीन इंस्पेक्टर इंद्रेश कुमार ने की. जांच के दौरान, पुलिस को पता चला कि चंद्रशेखर और उसकी पत्नी ने शिवबरन वर्मा की संपत्ति पर कब्जा करने के लिए हत्याओं की योजना बनाई थी. अपराध को अंजाम देने के लिए, उन्होंने चार लोगों को काम पर रखा था, जो बाद में इस मामले में सह-आरोपी बने.

अदालत में चार्जशीट दाखिल

जांच पूरी होने के बाद, पुलिस ने अदालत में चार्जशीट दाखिल की. ​​सुनवाई के दौरान कई अहम गवाह पेश किए गए. सबूतों और गवाहियों के आधार पर अदालत इस नतीजे पर पहुंची कि सभी छह आरोपी एक सुनियोजित साजिश में शामिल थे और कड़ी सजा के हकदार हैं. इस फैसले से उस मामले का अंत हुआ जिसने पूरे इलाके को झकझोर दिया था और यह लालच और संपत्ति विवादों से होने वाले अपराधों के गंभीर नतीजों को दिखाता है