Azam Khan Case: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान लगभग 23 महीने बाद सीतापुर जेल से रिहा हो रहे हैं. उन पर कुल 104 आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें से 93 केवल रामपुर में दर्ज हुए. इन मामलों में जमीन कब्जाने, सरकारी संपत्ति हड़पने, जन्म प्रमाण पत्र फर्जीवाड़ा, भड़काऊ भाषण, लूटपाट, सरकारी दस्तावेजों में हेराफेरी, यहां तक कि बकरी और भैंस चोरी तक के आरोप शामिल हैं.
आजम खान की रिहाई को लेकर उनके समर्थकों और समाजवादी पार्टी कार्यकर्ताओं में उत्साह है. रिहाई के बाद उनका भव्य स्वागत करने की तैयारियां की जा रही हैं. उनके परिवार के सदस्य भी सीतापुर जेल पहुंच चुके हैं. हालांकि, इस बीच यह भी चर्चा है कि आजम खान समाजवादी पार्टी से दूरी बना सकते हैं.
आजम खान पर सबसे गंभीर आरोप मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय से जुड़े हैं. उन पर किसानों की जमीन जबरन हड़पने और सरकारी संपत्ति पर कब्जा करने का आरोप है. इसी तरह रामपुर में गरीबों के लिए बने आसरा आवास की जमीन पर कब्जे का मामला भी दर्ज है. उनके बेटे अब्दुल्ला आजम पर फर्जी जन्म प्रमाण पत्र का इस्तेमाल कर चुनाव लड़ने का आरोप है, जिसके चलते उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द हो गई. पत्नी डॉ. तंजीन फातिमा पर भी लगभग 30 केस दर्ज हैं, जबकि बेटों अदीब और अब्दुल्ला पर क्रमशः 20 और 40 से अधिक मामले दर्ज हैं.
आजम खान पर भड़काऊ भाषण देने के भी कई मामले दर्ज हैं. 2019 में उन्होंने पीएम मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ के खिलाफ विवादित बयान दिया था, जिसके चलते 2022 में रामपुर की स्पेशल कोर्ट ने उन्हें दोषी पाया और विधानसभा सदस्यता खत्म कर दी. इसके बाद उपचुनाव में भाजपा उम्मीदवार ने जीत दर्ज की और रामपुर में उनका राजनीतिक किला कमजोर पड़ गया.
आजम खान की मुश्किलें 2017 में योगी सरकार आने के बाद शुरू हुईं, जब उनके खिलाफ दर्जनों मुकदमे दर्ज हुए. लगभग 72 मामलों में उन्हें जमानत मिल चुकी है, लेकिन नए आरोप पत्र और कानूनी पेचिदगियों के चलते उनकी जेल से रिहाई में देरी हुई. फिलहाल कई मामले अभी भी विचाराधीन हैं.