उत्तर प्रदेश के औरैया जिले में एक अनोखी और हैरान करने वाली घटना सामने आई है. यहां मंगलवार (26 अगस्त) को बिधूना तहसील में अचानक नोटों की बारिश होने लगी, जिसे देख लोग रुपये बटोरने के लिए दौड़ पड़े. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, और यह पूरे इलाके में सुर्खियों का विषय बन गया है.
सोशल मीडिया में वायरल हो रहे वीडियो में डोंडापुर गांव के निवासी और प्राइवेट टीचर रोहिताश चंद्र मंगलवार (26 अगस्त) को जमीन के बैनामे के लिए बिधूना तहसील पहुंचे थे. उनके पास 80 हजार रुपये कैश थे, जिन्हें उन्होंने अपनी बाइक की कपड़े वाली डिग्गी में रखा था.
बंदर का दिल दरिया..#औरैया में एक बंदर को बाइक की डिग्गी में 500 के नोटों की गड्डियां मिल गई
— Narendra Pratap (@hindipatrakar) August 26, 2025
बंदर नोटों की गड्डियां लेकर पेड़ पर चढ़ गया और हवा में नोट उड़ाकर देश के गरीबों की तकदीर बदल डाली
गरीब नोट लूटते रहे pic.twitter.com/WmxatoK4fj
जानिए क्या है पूरा मामला?
दरअसल, तहसील कैंपस में एडवोकेट गोविंद दुबे के पास कागजी कार्यवाही में व्यस्त थे, तभी एक बंदर उनकी बाइक पर आया. बंदर ने डिग्गी खोलकर नोटों की गड्डी निकाल ली और पास के पेड़ पर चढ़ गया. वहां से उसने 500-500 के नोट हवा में उड़ाने शुरू कर दिए. नोट टीन शेड और सड़क पर गिरने लगे, जिसे देख तहसील में मौजूद लोग दौड़ पड़े और रुपये बटोरने लगे.
लोगों ने दिखाई मानवता
जैसे ही शिक्षक को इस घटना की जानकारी मिली, उन्होंने लोगों से रुपये लौटाने की अपील की. मौके पर भारी भीड़ जमा हो गई थी, लेकिन लोगों ने मानवता दिखाते हुए इकट्ठा किए गए रुपये रोहिताश को लौटाए. करीब 52 हजार रुपये उन्हें वापस मिल गए, लेकिन 28 हजार रुपये अभी भी लापता हैं. उनकी तलाश जारी है, और लोगों से रुपये लौटाने का अनुरोध किया जा रहा है.
वायरल वीडियो ने बढ़ाई चर्चा
इस पूरी घटना का वीडियो किसी ने बना लिया, जिसमें पेड़ से नोट गिरते और लोग रुपये बटोरते नजर आ रहे हैं. एक शख्स टीन शेड पर चढ़कर भी रुपये ले रहा था। यह वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है। लोग इस घटना पर मजेदार टिप्पणियां कर रहे हैं, जैसे, “आज तो सचमुच नोटों की बरसात हो गई।”
बंदरों का आतंक बना चुनौती
स्थानीय लोगों का कहना है कि बिधूना तहसील क्षेत्र में बंदरों का आतंक आम है. वे अक्सर सामान, कागजात और अन्य चीजें उठाकर ले जाते हैं. इस घटना ने न केवल लोगों को हैरान किया, बल्कि बंदरों की शरारत से निपटने की जरूरत पर भी ध्यान दिलाया.