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India Daily

पंजाब में अकाली दल को तगड़ा झटका, तरनतारन से 3 तीन बार MLA रहे हरमीत सिंह संधू आप में हुए शामिल

पंजाब के माझा में शिरोमणि अकाली दल (बादल) को एक और बड़ा झटका लगा है. तरनतारन के दिग्गज नेता हरमीत सिंह संधू ने पार्टी से नाता तोड़ते हुए आम आदमी पार्टी का दामन थाम लिया है.

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Edited By: Garima Singh
Aam Aadmi Party
Courtesy: X

Aam Aadmi Party: पंजाब के माझा में शिरोमणि अकाली दल (बादल) को एक और बड़ा झटका लगा है. तरनतारन के दिग्गज नेता हरमीत सिंह संधू ने पार्टी से नाता तोड़ते हुए आम आदमी पार्टी का दामन थाम लिया है. मंगलवार को उन्होंने अपने दर्जनों समर्थकों के साथ चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री भगवंत मान और पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया की मौजूदगी में आप में शामिल होने की घोषणा की.

हरमीत संधू का तरनतारन विधानसभा क्षेत्र में गहरा जनाधार है. वे 2002 में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में पहली बार विधायक चुने गए थे. इसके बाद उन्होंने 2007 और 2012 में शिरोमणि अकाली दल के टिकट पर चुनाव जीतकर अपनी स्थिति को और मजबूत किया. हालांकि 2017 और 2022 के चुनावों में वे दूसरे स्थान पर रहे. करीब ढाई दशक से सक्रिय संधू को माझा की राजनीति की बारीक समझ और जनसंपर्क में महारत हासिल है.

भगवंत मान बोले: "आप" को मिला अनुभवी साथी

हरमीत संधू के आप में शामिल होने पर मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा, "यह हमारे लिए गर्व की बात है. जब हम छोटे थे, तब से हरमीत संधू चुनाव जीतते आ रहे हैं. उनके अनुभव से पार्टी को मजबूती मिलेगी." मान ने यह भी जोड़ा, "अरविंद केजरीवाल ने शुरू से ही कहा था कि पुरानी पार्टियों में भी अच्छे लोग हैं, जो वहां घुटन महसूस करते हैं. अब हम ऐसे लोगों को आप में शामिल कर एक बेहतर राजनीति का निर्माण कर रहे हैं."

क्यों चुनी आम आदमी पार्टी?

मीडिया से बातचीत में हरमीत संधू ने साफ़ किया कि अब वक्त बदल चुका है. "2002 में मैंने आज़ाद उम्मीदवार के रूप में 7000 वोटों से जीत दर्ज की थी. तरनतारन के लोगों का प्यार हमेशा मिला. अब मैं मान सरकार की साफ नीति और नियत से प्रभावित होकर 'आप' में शामिल हुआ हूं." उन्होंने आगे कहा, "मान सरकार ने तीन सालों में जो काम किए हैं, वो काबिले-तारीफ हैं. बेअदबी के खिलाफ जो सख्त कानून लाया गया है, उससे मुझे गहरा भावनात्मक जुड़ाव महसूस हुआ. अब मेरा कर्तव्य है कि मैं सरकार का सहयोग कर अपने क्षेत्र का विकास करूं."