17 साल तक पंजाब में बंधुआ मजदूरी में फंसा रहा उत्तराखंड का राजेश, यूट्यूबर के वीडियो और सांसद की फोन से मिली आज़ादी
उत्तराखंड के राजेश नाम के एक युवक को पंजाब के तरनतारन जिले से 17 साल की बंधुआ मजदूरी के बाद रेस्क्यू किया गया. उसकी दुर्दशा एक यूट्यूबर जगजीत सिंह द्वारा बनाए गए वीडियो से सामने आई, जिसे देखकर सांसद अनिल बलूनी ने तुरंत कार्रवाई की. अब राजेश मेडिकल देख-रेख में है और जल्द ही अपने घर उत्तराखंड लौटेगा.

आधुनिक भारत में भी बंधुआ मजदूरी जैसी अमानवीय प्रथा का अस्तित्व एक बड़ा सवाल है. इसका ताजा उदाहरण उत्तराखंड के रहने वाले राजेश का मामला है, जो 17 साल तक पंजाब के तरनतारन जिले में बंधुआ मजदूरी करता रहा. उसकी हालत तब सामने आई जब एक यूट्यूबर ने उसे बेहद खराब हालात में दिखाते हुए वीडियो शूट किया, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया.
18 साल की उम्र में छोड़ा था घर
राजेश ने महज 18 साल की उम्र में उत्तराखंड छोड़ा था और इसके बाद उसका अपने परिवार से कोई संपर्क नहीं था. वर्षों बाद यूट्यूबर और सामाजिक कार्यकर्ता जगजीत सिंह को खबर मिली कि कुछ मजदूरों को एक डेयरी में 20 घंटे काम कराया जा रहा है. इस जानकारी के बाद टीम मौके पर पहुंची और वीडियो शूट किया, जिसमें राजेश की दुर्दशा सबके सामने आ गई. वीडियो वायरल होने के बाद गढ़वाल से सांसद अनिल बलूनी ने पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया से संपर्क कर राजेश की रिहाई में मदद मांगी. सांसद अनिल बलूनी ने कहा कि असली काम जगजीत सिंह और उनकी टीम ने किया, जो जोखिम उठाकर सच्चाई सामने लेकर आए.
तरनतारन अस्पताल में जारी है इलाज
रेस्क्यू के बाद राजेश को तरनतारन जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसका इलाज जारी है. शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ उसे मानसिक आघात से उबरने के लिए मनोवैज्ञानिक मदद भी दी जा रही है. डॉक्टरों की अनुमति मिलने के बाद उसे उत्तराखंड लौटाया जाएगा. यह मामला केवल राजेश का नहीं है; एक रिपोर्ट की मानें को भारत में लगभग 1.1 करोड़ लोग आज भी अलग-अलग तरह से आधुनिक गुलामी का शिकार हैं. सरकार के आंकड़ों के मुताबिक 1978 से 2023 तक 3 लाख से अधिक लोगों को बंधुआ मजदूरी से मुक्त किया गया है, जिनमें से 94% को पुनर्वास भी मिला है.