चंडीगढ़: पंजाब में ग्रामीण सड़क निर्माण के क्षेत्र में एक मौन क्रांति चल रही है. मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इसे राजनीति का शो-पीस नहीं बल्कि जनता का अधिकार और विकास बनाया है.
19,373 किलोमीटर पहले से चल रहे कार्य को बढ़ाकर अब 44,920 किलोमीटर तक सड़क नेटवर्क तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है. फ्लाइंग स्क्वायड और जनता की सक्रिय निगरानी ने ठेकेदारों की जिम्मेदारी बढ़ा दी है. सड़कें अब केवल बन रही नहीं, बल्कि टिकाऊ और गुणवत्ता युक्त बन रही हैं.
मान सरकार ने सड़क निर्माण में पारदर्शिता और जिम्मेदारी बढ़ाई है. टेंडर प्रक्रिया में कमीशन और हेराफेरी पूरी तरह बंद कर दी गई है. सड़क निर्माण की गुणवत्ता और सामग्री की जांच के लिए फ्लाइंग स्क्वायड बनाया गया है, जो निर्माण स्थल पर तुरंत निगरानी करता है. जनता भी कैमरे और वीडियो के जरिए निर्माण प्रक्रिया में सक्रिय भागीदार बनी हुई है.
अब ठेकेदार सिर्फ निर्माण नहीं करेंगे, बल्कि पांच साल की मरम्मत की जिम्मेदारी भी उनके ऊपर होगी. घटिया सामग्री या अधूरी सड़क पाए जाने पर तत्काल कार्य रोका जाएगा और ठेकेदार का कॉन्ट्रैक्ट रद्द किया जाएगा. इस सख्त व्यवस्था ने ठेकेदारों में गुणवत्ता सुनिश्चित करने का डर पैदा किया है.
गांवों में सरपंच और स्थानीय जनता निर्माण की निगरानी में मुख्य भूमिका निभा रहे हैं. सड़क की गुणवत्ता और सामग्री के सही होने पर ही भुगतान किया जाएगा. जनता के पास वीडियो और शिकायत भेजने का अधिकार है, और सरकार उसी आधार पर तुरंत कार्रवाई करती है.
सड़कों के निर्माण और सुधार से किसानों की फसल समय पर मंडी पहुंच रही है. एम्बुलेंस और वाहनों की गति बढ़ी है, और गांव–शहर का कनेक्शन मजबूत हुआ है. व्यापारियों और आम जनता के लिए समय की बचत और सुविधा बढ़ी है. सड़कें पंजाब की नई पहचान बन रही हैं.
राजनीति में योजनाओं की घोषणा बहुत होती रही, लेकिन अब जमीन पर काम और मशीनों की आवाज़ ने विकास की नई भाषा गढ़ दी है. सड़कें अब केवल निर्माण का प्रतीक नहीं, बल्कि टिकाऊ और भरोसेमंद भविष्य का गवाह भी हैं.
यह मॉडल न केवल पंजाब बल्कि पूरे देश के ग्रामीण सड़क विकास के लिए उदाहरण बन सकता है. जनता की निगरानी और सख्त नियमों ने निर्माण की गुणवत्ता और स्थायित्व सुनिश्चित किया है.