पंजाब में बाढ़ का कहर अब तक 1312 गाँवों तक फैल चुका है. 14,936 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है और 122 राहत शिविरों में 6,582 लोग ठहरे हुए हैं. राज्य सरकार, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना, नौसेना, वायुसेना, बीएसएफ और पुलिस मिलकर राहत-बचाव कार्यों में जुटे हैं. सबसे अधिक प्रभावित ज़िले गुरदासपुर, फिरोज़पुर, अमृतसर, कपूरथला और फाजिल्का हैं.
राजस्व मंत्री हरदीप सिंह मुंडियां ने बताया कि अब तक अमृतसर से 1700, बरनाला से 25, फाजिल्का से 1599, फिरोज़पुर से 3265, गुरदासपुर से 5456, होशियारपुर से 1052, कपूरथला से 362, मानसा से 163, मोगा से 115, पठानकोट से 1139 और तरनतारन से 60 लोगों को बाढ़ के पानी से बचाकर सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया गया है. उन्होंने कहा कि प्रशासन और बचाव एजेंसियां दिन-रात लगातार लोगों की जान और संपत्ति की सुरक्षा के लिए जुटी हुई हैं.
मंत्री ने जानकारी दी कि प्रभावित इलाकों में 122 राहत शिविर बनाए गए हैं, जिनमें अब तक 6,582 लोगों को ठहराया गया है. इनमें से अमृतसर में 16, बरनाला में 1, फाजिल्का में 7, फिरोज़पुर में 8, गुरदासपुर में 25, होशियारपुर में 20, कपूरथला में 4, मानसा में 1, मोगा में 5, पठानकोट में 14, संगरूर में 1 और पटियाला में 20 शिविर स्थापित किए गए हैं. इन शिविरों में भोजन, पानी और स्वास्थ्य सेवाओं सहित सभी आवश्यक सुविधाएँ उपलब्ध कराई जा रही हैं.
राज्य के कई हिस्सों में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना और वायुसेना की टीमें तैनात की गई हैं. गुरदासपुर में एनडीआरएफ की 6 टीमें, जबकि फाजिल्का, फिरोज़पुर, पठानकोट और अमृतसर में 1-1 टीम सक्रिय है. कपूरथला में एसडीआरएफ की 2 टीमें काम कर रही हैं. इसके अलावा गुरदासपुर, कपूरथला, फिरोज़पुर और पठानकोट में सेना, नौसेना और वायुसेना मोर्चा संभाले हुए हैं. बीएसएफ की टीमें भी राहत कार्यों में शामिल हैं. साथ ही पंजाब पुलिस और फायर ब्रिगेड भी प्रभावित इलाकों में बचाव कार्य में योगदान दे रहे हैं.
मुंडियां ने बताया कि अब तक पंजाब के 1312 गाँव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. इनमें गुरदासपुर के 324, कपूरथला के 123, फिरोज़पुर के 107, अमृतसर के 93, फाजिल्का के 92, होशियारपुर के 86, पठानकोट के 81 और मुक्तसर साहिब के 74 गाँव शामिल हैं. इसके अलावा बरनाला, बठिंडा, मानसा, मोगा, पटियाला, जालंधर और अन्य ज़िलों में भी बाढ़ का असर देखा जा रहा है. करीब 3 लाख एकड़ कृषि भूमि पानी में डूब गई है, जिससे किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है.