menu-icon
India Daily

पंजाब सीएम मान का बड़ा ऐलान, कहा- हर एक बाढ़ पीड़ित को 45 दिन के अंदर मिलेगा मुआवजा

पंजाब सीएम मान ने अपने सरकारी आवास पर उच्च स्तरीय बैठक में घोषणा की कि 45 दिनों के भीतर हर बाढ़ पीड़ित को मुआवजा सुनिश्चित किया जाएगा. 

auth-image
Edited By: Sagar Bhardwaj
Punjab CM Bhagwant Mann said flood victims will get compensation within 45 days
Courtesy: X

Punjab Flood: पंजाब में 1988 के बाद सबसे विनाशकारी बाढ़ ने लाखों परिवारों को विपदा में धकेल दिया है. नदियों का उफान, फसलें डूबना और घरों का ढहना- यह सब कुछ ने राज्य को हिला कर रख दिया. ऐसे में मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने न केवल तत्काल राहत का वादा किया, बल्कि एक स्पष्ट समयसीमा भी तय की. सरकारी आवास पर उच्च स्तरीय बैठक में उन्होंने घोषणा की कि 45 दिनों के भीतर हर बाढ़ पीड़ित को मुआवजा सुनिश्चित किया जाएगा. 

मुख्यमंत्री ने कुछ दिन पहले ही ऐलान किया था कि किसानों को फसलों के नुकसान पर 20,000 रुपये प्रति एकड़ मुआवजा मिलेगा, जो पंजाब के इतिहास और पूरे देश में अब तक का सबसे बड़ा है. उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों के समय मुआवजा लेने में कई साल लग जाते थे और फसलों के नुकसान से पहले ही दुखी लोगों को सरकारी दफ्तरों में भटकना पड़ता था. भगवंत सिंह मान ने जोर देकर कहा, "एक किसान का बेटा होने के नाते मैं किसानों की परेशानियों को अच्छी तरह समझता हूं. जब तक प्रत्येक किसान को फसल नुकसान का मुआवजा नहीं मिल जाता, मैं चैन से नहीं सोऊंगा."

बैठक में विशेष गिरदावरी कल (13 सितंबर) से शुरू करने का आदेश दिया गया. पूरी प्रक्रिया 45 दिनों में पूरी होगी, उसके बाद चेक वितरण शुरू हो जाएगा. प्रभावित जिलों में अतिरिक्त अधिकारी तैनात किए जाएंगे, जो गांव-गांव जाकर खेतों का निरीक्षण करेंगे. मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि फसल कोई भी हो, यदि नुकसान हुआ है तो मुआवजा जरूर दिया जाएगा. रिपोर्ट तैयार होने पर एक सप्ताह की आपत्ति अवधि भी रखी जाएगी. जहां 100 प्रतिशत फसल नष्ट हुई, वहां यह काम महज 30 दिनों में पूरा होगा.

घरों और पशुओं को नुकसान: बढ़ी मुआवजा राशि से पीड़ितों को मिलेगी मजबूती

घरों के नुकसान पर भी सरकार ने उदार रुख अपनाया. पूर्ण रूप से ढह गए घरों के लिए 1,20,000 रुपये और आंशिक क्षति पर 40,000 रुपये दिए जाएंगे. पहले की सरकारें आंशिक नुकसान पर महज 6,800 रुपये देती थीं, लेकिन अब इसे कई गुना बढ़ा दिया गया है. पशुओं के नुकसान पर भी मुआवजा सुनिश्चित होगा. उदाहरणस्वरूप, गाय या भैंस की मृत्यु पर 37,500 रुपये और बकरी पर 4,000 रुपये मिलेंगे. बैल, घोड़े, मुर्गियां, मछली पालन सहित सभी को नियमित दरों पर सहायता. घरों व पशुओं के मुआवजे का वितरण 15 सितंबर से शुरू होगा और 45 दिनों में पूरा.

मानवीय सहायता और बुनियादी ढांचा: मृतकों के परिवारों को प्राथमिकता

बाढ़ में 55 मौतें हो चुकी हैं, जिनमें 42 परिवारों को चेक जारी हो गए. मुख्यमंत्री ने कहा कि भले ही हम उन्हें वापस नहीं ला सकते, लेकिन सरकार मुआवजे में कोई देरी न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए पूरी कोशिश कर रही है. वर्चुअल बैठक में डिप्टी कमिश्नरों से जमीनी स्थिति ली गई. नदियों के टूटे तटबंधों की मरम्मत, मंडियों की सफाई (16 सितंबर तक), मेडिकल कैंप, फॉगिंग और पानी के नमूने लेने के निर्देश दिए. निजी डॉक्टरों को भी सेवा में शामिल करने को कहा. बिजली बहाल हो चुकी है, सड़कें मरम्मताधीन हैं.

केंद्र से अपील: पंजाब को आपदा प्रभावित राज्य घोषित कर फंड जारी करें

मुख्यमंत्री ने केंद्र से रोके 60,000 करोड़ फंड जारी करने और घर नुकसान नियमों में ढील की मांग की. राज्य को प्राकृतिक आपदा प्रभावित घोषित करने का प्रस्ताव भी भेजा जाएगा. भगवंत सिंह मान ने व्यक्तिगत निगरानी का वादा किया- किसी अधिकारी की लापरवाही पर सख्त कार्रवाई. उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों में सालभर लगता था, लेकिन ईमानदार शासन से अब 45 दिनों में सब संभव. बैठक में कैबिनेट मंत्री हरदीप सिंह मुंडियां, मुख्य सचिव के.ए.पी. सिन्हा और अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुराग वर्मा उपस्थित थे. मान सरकार के नेतृत्व में पंजाब फिर उठेगा.