चंडीगढ़: पंजाब के किसानों के लिए आज का दिन इतिहास के पन्नों में स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा. दशकों से “टेल-एंड” कहे जाने वाले सबसे दूर के खेतों में पहली बार नहर का ठंडा, मीठा पानी पहुंचा है. यह चमत्कार भगवंत मान सरकार की मेगा सिंचाई क्रांति का नतीजा है.
पहले सिर्फ 68% खेती योग्य भूमि को नहरी पानी मिलता था
अब 84% तक पहुंच गया – 16 प्रतिशत की ऐतिहासिक बढ़ोतरी
15,914 पुराने जलमार्ग साफ कर फिर से चालू किए गए
916 नहरें और माइनर पूरी तरह बहाल
पानी की एक बूंद भी अब रास्ते में नहीं सूखती. सरकार ने 2,400 किमी लंबी अंडरग्राउंड पाइपलाइन बिछाई, जिससे 30,000+ हेक्टेयर नई जमीन सिंचाई के दायरे में आई.
कंडी क्षेत्र के गांवों में जब पाइप से पानी की पहली फुहार खेतों में गिरी, तो किसान रो पड़े. बलजीत सिंह (65 वर्ष) ने हाथ जोड़कर कहा, “मैंने 40 साल बाद अपने खेत में नहरी पानी देखा. भगवंत मान और हरजोत बैंस को लाख-लाख शुक्रिया.”
300 MLD ट्रीटेड पानी अब खेतों में जा रहा
ड्रिप-स्प्रिंकलर पर 90% तक सब्सिडी
कंडी क्षेत्र में 160 चेक डैम और रिचार्ज संरचनाएं
125 गांवों में सोलर-पावर लिफ्ट सिंचाई शुरू
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा, “पंजाब का किसान अब ट्यूबवेल के भरोसे नहीं रहेगा. हमने पानी को खेत तक पहुंचाने का जो वादा किया था, उसे पूरा करके दिखाया है. यह सिर्फ सिंचाई नहीं, पंजाब की दूसरी हरित क्रांति की नींव है.”
पहले बिजली बिल और डीजल से कमर टूटती थी, अब नहरी पानी मुफ्त है”
“गेहूं-धान की पैदावार 20-25% बढ़ने की उम्मीद”
“अगले सीजन से हम मूंगफली और सब्जियां भी उगा सकेंगे”