शिरोमणि अकाली दल (SAD) के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुखदेव सिंह ढींडसा का बुधवार शाम 5 बजे मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में निधन हो गया. 89 वर्षीय ढींडसा लंबे समय से उम्र से संबंधित बीमारियों से जूझ रहे थे और कई दिनों से अस्पताल में भर्ती थे. उनके निधन की खबर ने पंजाब की राजनीति और सामाजिक क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ा दी है.
सुखदेव सिंह ढींडसा का राजनीतिक जीवन पंजाब की राजनीति में एक स्वर्णिम अध्याय रहा. वह न केवल शिरोमणि अकाली दल के कद्दावर नेता थे, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी उनकी पहचान एक प्रभावशाली राजनेता के रूप में थी. उन्होंने केंद्र सरकार में केंद्रीय मंत्री के रूप में अपनी सेवाएं दीं और पंजाब की जनता के हितों के लिए हमेशा समर्पित रहे. ढींडसा ने अपने लंबे राजनीतिक करियर में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया और सिख समुदाय के साथ-साथ पूरे पंजाब के विकास में योगदान दिया.
स्वास्थ्य और अंतिम दिन
पिछले कुछ समय से सुखदेव सिंह ढींडसा की तबीयत लगातार खराब चल रही थी. उम्र से संबंधित कई स्वास्थ्य समस्याओं के कारण उन्हें मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में भर्ती किया गया था. चिकित्सकों ने उनकी स्थिति को स्थिर करने की हरसंभव कोशिश की, लेकिन वह इस जंग को जीत नहीं सके. उनके निधन की खबर ने उनके समर्थकों, सहयोगियों और परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया है.
सुखदेव सिंह ढींडसा का योगदान
सुखदेव सिंह ढींडसा का जन्म 1936 में हुआ था. उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत शिरोमणि अकाली दल के साथ की और जल्द ही पार्टी के प्रमुख नेताओं में शुमार हो गए. वह कई बार सांसद रहे और अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री के रूप में अपनी सेवाएं दीं. ढींडसा ने पंजाब के ग्रामीण क्षेत्रों के विकास, किसानों के कल्याण और सिख समुदाय के हितों के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए. उनकी सादगी, समर्पण और जनता के प्रति जवाबदेही ने उन्हें एक लोकप्रिय नेता बनाया.