नई दिल्ली: संसद का शीतकालीन सत्र 2025 शुक्रवार को औपचारिक रूप से समाप्त हो गया. सत्र के समापन के मौके पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने संसद भवन में अपने कक्ष में सभी दलों के नेताओं और सांसदों के साथ बैठक की. इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी सहित कई विपक्षी दलों के नेता मौजूद रहे.
ओम बिरला ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर जानकारी देते हुए कहा कि 18वीं लोकसभा के छठे सत्र के समापन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सभी दलों के सम्मानित नेताओं के साथ सौहार्दपूर्ण बातचीत हुई. इस बैठक को संसद के कामकाज के बाद आपसी संवाद और समन्वय के तौर पर देखा जा रहा है.
18वीं लोकसभा के छठे सत्र के समापन के पश्चात माननीय प्रधानमंत्री @narendramodi जी एवं सभी दलों के गणमान्य नेताओं के साथ संसद भवन स्थित कार्यालय में सुखद वार्ता हुई। pic.twitter.com/MUXDD6opsV
— Om Birla (@ombirlakota) December 19, 2025
इससे पहले दिन में विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन ग्रामीण विधेयक को लेकर विपक्ष के लगातार विरोध के बीच लोकसभा और राज्यसभा दोनों को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को तीन देशों की विदेश यात्रा से लौटे थे और शुक्रवार को सदन में मौजूद रहे.
19 दिनों तक चले इस शीतकालीन सत्र में कुल 15 बैठकें हुईं. इस दौरान कई अहम विधेयक पारित किए गए. लोकसभा की कार्यवाही को लेकर अध्यक्ष ओम बिरला ने बताया कि सदन की उत्पादकता 111 प्रतिशत रही, जो सांसदों की सक्रिय भागीदारी को दर्शाती है.
राज्यसभा को स्थगित करते समय सभापति सी पी राधाकृष्णन ने सत्र के दौरान हुए विधायी कार्यों और चर्चाओं का विस्तृत ब्यौरा सदन में रखा. इसके बाद राष्ट्रगान का गायन किया गया. उन्होंने सदन में हुए हंगामे पर नाराजगी जताते हुए कहा कि मंत्री के जवाब के दौरान विरोध प्रदर्शन और कागज फाड़ने जैसी घटनाएं सदन की गरिमा के अनुरूप नहीं थीं.
सत्र समाप्त होने के बाद भी VB-G RAM G बिल पर विपक्ष का विरोध जारी रहा. कई विपक्षी दलों ने संसद परिसर के बाहर प्रदर्शन किया. तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने संसद भवन के प्रवेश द्वार के पास सीढ़ियों पर धरना दिया.
पूरे शीतकालीन सत्र के दौरान संसद ने लगभग 92 घंटे तक काम किया. इस दौरान सदन की कुल उत्पादकता 121 प्रतिशत दर्ज की गई. सत्र में 58 तारांकित प्रश्न, 208 शून्यकाल नोटिस और 87 विशेष उल्लेख लिए गए. संसद का यह सत्र 1 दिसंबर को शुरू हुआ था. अनिश्चितकालीन स्थगन का अर्थ होता है कि सदन की अगली बैठक की तारीख तय किए बिना कार्यवाही रोक दी जाती है.