Fauja Singh Funeral: फौजा सिंह का आज उनके पैतृक गांव में होगा अंतिम संस्कार, विदेशों से उनके घर पहुंचे रिश्तेदार
Fauja Singh Funeral: 114 वर्षीय धावक फौजा सिंह का अंतिम संस्कार आज उनके गांव ब्यास पिंड में किया जाएगा. 14 जुलाई को एक एनआरआई द्वारा चलाई गई फॉर्च्यूनर से टक्कर में उनकी मौत हो गई थी. आरोपी अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है.

Fauja Singh Funeral: पंजाब के प्रसिद्ध धावक और 114 वर्षीय एथलीट फौजा सिंह का अंतिम संस्कार 20 जुलाई यानी आज दोपहर 12 बजे जालंधर जिले के उनके पैतृक गांव ब्यास पिंड में किया जाएगा. इस बात की पुष्टि उनके बेटे हरविंदर सिंह सुक्खा ने की है. अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए कनाडा और इंग्लैंड से उनके रिश्तेदार पंजाब पहुंच चुके हैं.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 14 जुलाई को फौजा सिंह को एक तेज रफ्तार फॉर्च्यूनर गाड़ी ने टक्कर मार दी थी. यह हादसा जालंधर-पठानकोट नेशनल हाईवे के पास स्थित उनके गांव के पास हुआ था. टक्कर के बाद उनकी मौके पर ही मौत हो गई थी. आरोपी एनआरआई अमृतपाल सिंह ढिल्लों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. वह हाल ही में कनाडा से आया था और कपूरथला निवासी वरिंदर सिंह से फॉर्च्यूनर खरीदी थी.
विश्व के सबसे बुजुर्ग मैराथन धावक
फौजा सिंह को 'टर्बन टॉरनेडो', 'सिख सुपरमैन' और 'रनिंग बाबा' के नाम से जाना जाता था. वे विश्व के सबसे बुजुर्ग मैराथन धावकों में गिने जाते थे और उन्होंने 100 साल की उम्र पार करने के बाद भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दौड़ प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया था.
बेटे ने दी हादसे की जानकारी
उनके बेटे हरविंदर सिंह ने हादसे की जानकारी देते हुए बताया कि फौजा सिंह घर से मात्र 300 मीटर की दूरी पर स्थित हाईवे पर सैर के लिए निकले थे. दोपहर 3:05 बजे वे घर से निकले, 3:07 पर गली से गुजरते दिखाई दिए और मात्र 3:10 पर हादसा हो गया. उन्होंने कहा, “सैर ने उनकी जिंदगी को बेहतर बनाया और वही सैर उनकी जान ले गई.”
जांच में तेजी और तकनीकी साक्ष्य
एसएसपी हरविंदर सिंह विर्क ने बताया कि घटनास्थल से मिले फॉर्च्यूनर के टूटे हिस्सों को जांच एजेंसी के माध्यम से विश्लेषण किया गया. इसके आधार पर पुलिस ने हाईवे के सीसीटीवी फुटेज खंगाले और संदिग्ध गाड़ी की पहचान की. जांच में पाया गया कि गाड़ी कपूरथला के अठौली गांव के वरिंदर सिंह के नाम पर रजिस्टर्ड थी. पूछताछ में पता चला कि एनआरआई अमृतपाल सिंह ने हाल ही में वह गाड़ी खरीदी थी और वही उस वक्त वाहन चला रहा था. इस घटना से खेल जगत और फौजा सिंह के चाहने वालों में शोक की लहर है. उनके जीवन की प्रेरणादायक कहानियों और अनुशासित दिनचर्या की चर्चा आज भी युवा खिलाड़ियों के बीच होती है.
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