Chandigarh-Bengaluru Flight: चंडीगढ़ के शहीद भगत सिंह अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा 1 सितंबर, 2025 से बेंगलुरु के लिए हर रोज दो नई सीधी उड़ानों का परिचालन शुरू करेगा. इस पहल का मकसद उत्तरी और दक्षिणी महानगरों के बीच कनेक्टिविटी बढ़ाना और व्यावसायिक यात्रियों तथा टूरिस्ट की बढ़ती मांग को पूरा करना है. एयरलाइन ने इसे अपने व्यापक विस्तार योजना का हिस्सा बताया है, जिसमें भारत के प्रमुख शहरों के बीच बेहतर कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने की दिशा में कई कदम शामिल हैं.
| उड़ान का समय | प्रस्थान स्थान | प्रस्थान समय | आगमन स्थान | आगमन समय |
| देर रात की उड़ान | बेंगलुरु | रात 8:00 बजे | चंडीगढ़ | रात 10:55 बजे |
| देर रात की उड़ान | चंडीगढ़ | रात 11:25 बजे | बेंगलुरु |
सुबह 2:25 बजे (अगले दिन) |
| दिन की उड़ान | बेंगलुरु | दोपहर 1:15 बजे | चंडीगढ़ | शाम 4:10 बजे |
| दिन की उड़ान | चंडीगढ़ | शाम 4:40 बजे | बेंगलुरु | शाम 7:40 बजे |
चंडीगढ़-बेंगलुरु की नई उड़ानों से यात्रियों को कई लाभ मिलेंगे,
एयरलाइन की विस्तार योजना में दूसरी उड़ानों में अहमदाबाद-बेंगलुरु (1 सितंबर से) और देहरादून-बेंगलुरु (15 सितंबर से) के दैनिक फ्लाइट्स भी शामिल हैं.
चंडीगढ़ हवाई अड्डे का नाम 2022 में स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह के सम्मान में बदलकर शहीद भगत सिंह अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा कर दिया गया. यह परियोजना 485 करोड़ रुपये की लागत से बनी और एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) एवं पंजाब और हरियाणा सरकारों का संयुक्त उद्यम है. एएआई की इसमें 51% हिस्सेदारी है, जबकि पंजाब और हरियाणा की 24.5% हिस्सेदारी है.
अंतर्राष्ट्रीय टर्मिनल रनवे दक्षिणी किनारे पर मोहाली के झिउरहेड़ी गाँव में स्थित है, जबकि रनवे चंडीगढ़ में है. हवाई अड्डे के नाम को लेकर दोनों राज्यों में कई वर्षों तक विवाद भी चला. अंततः इसे भगत सिंह के सम्मान में नामित किया गया, जिसमें हरियाणा ने 'मोहाली' शामिल करने पर आपत्ति जताई.