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Who Is Sanjay Verma: सोनम ने कत्ल से पहले 25 दिन में 112 बार किया फोन, आखिर कौन है ये शख्स?

Who Is Sanjay Verma: सोनम रघुवंशी के मोबाइल कॉल डिटेल से पता चला है कि वह वारदात से पहले संजय वर्मा से लगातार संपर्क में थी. सोनम ने संजय को 112 बार कॉल किया, जिससे हत्या की साजिश में अन्य लोगों की संलिप्तता का अंदेशा है.

Imran Khan claims
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Who Is Sanjay Verma: इंदौर के चर्चित राजा रघुवंशी मर्डर केस में अब एक और नया और चौंकाने वाला मोड़ सामने आया है. मुख्य आरोपी सोनम रघुवंशी के मोबाइल कॉल डिटेल से खुलासा हुआ है कि 1 मार्च से 25 मार्च के बीच उसने संजय वर्मा नामक व्यक्ति को 112 बार कॉल किया था. अब पुलिस को संदेह है कि यह हत्या केवल राज कुशवाह की योजना नहीं थी, बल्कि इसमें संजय वर्मा समेत कई अन्य लोग भी शामिल हो सकते हैं.

इससे पहले उजाला यादव नाम की युवती ने दावा किया था कि 8 जून की रात जब वह वाराणसी से गाजीपुर जा रही थी, तब सोनम को बस स्टैंड पर दो युवकों के साथ देखा था. दोनों युवकों ने अपना चेहरा छिपा रखा था. सोनम ने उससे गोरखपुर के बारे में पूछा और बस में सवार हो गई. सोनम ने यात्रा के दौरान उजाला से फोन मांगा, एक नंबर टाइप किया और फिर उसे डिलीट कर दिया.

सोनम की गिरफ्तारी से पहले के सुराग

गाजीपुर के काशी टी स्टॉल के मालिक साहिल यादव ने बताया कि सोनम बदहवास नहीं थी, बल्कि एक वाहन से उतरकर दुकान तक पहुंची थी और वहां से अपने भाई गोविंद को फोन किया. इन गवाहियों और कॉल रिकॉर्ड से अब यह लगभग स्पष्ट हो रहा है कि सोनम अकेले नहीं थी और उसे किसी का पूरा सहयोग मिल रहा था.

शिलांग पुलिस अब इस दिशा में जांच कर रही है कि,

- क्या संजय वर्मा ने सोनम की मदद की थी?

- क्या वह वाराणसी तक सोनम के साथ था?

- क्या वह उजाला द्वारा देखे गए युवकों में से एक था?

इसके अलावा, पुलिस को यह भी शक है कि सोनम और उसके साथी फर्जी नामों से सिम कार्ड लेकर कॉलिंग करते थे, ताकि उनकी पहचान छिपी रहे.

हत्या के लिए दूसरी बार मिला हथियार

पुलिस ने क्राइम सीन रिक्रिएशन के दौरान उस खाई से एक और हथियार बरामद किया है, जो अब तक गायब था. पहले से एक हथियार बरामद हो चुका था. पुलिस का कहना है कि राजा की हत्या में दो हथियारों का इस्तेमाल हुआ था.

शिलांग पुलिस ने पहले ही साफ कर दिया है कि यह सुपारी किलिंग नहीं थी. राज कुशवाह ने अपने दोस्तों – आकाश, आनंद और विशाल को हत्या के लिए तैयार किया और सिर्फ ₹59,000 खर्च के लिए दिए. राजा की हत्या की योजना पहले तीन बार नाकाम रही – गुवाहाटी, नोंघरियाह और मावलखियात में. चौथी बार 23 मई को वैसेडॉन्ग फॉल्स के पास हत्या को अंजाम दिया गया.

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