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काली कमाई, रिवाज और कलयुग...! माता-पिता ने अपनी ही बेटी को देह व्यापार में धकेला, कोचिंग का बहाना बनाकर न्याय के लिए भोपाल पहुंचीं पीड़िता

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में न्याय की गुहार लगाने आई 21 वर्षीय युवती ने अपनी दर्दनाक कहानी सुनाई. रतलाम के एक छोटे गांव से आने वाली इस लड़की ने अपने माता-पिता और दो मामाओं पर गंभीर आरोप लगाए हैं.

Anuj

भोपाल: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में न्याय की गुहार लगाने आई 21 वर्षीय युवती ने अपनी दर्दनाक कहानी सुनाई. रतलाम के एक छोटे गांव से आने वाली इस लड़की ने अपने माता-पिता और दो मामाओं पर गंभीर आरोप लगाए हैं. लड़की ने बताया कि उसे और उसकी बहनों को हर रोज देह व्यापार के लिए मजबूर किया जाता था. लड़की का कहना है कि विरोध करने पर उसे धमकाया जाता और कहा जाता कि यह समाज की परंपरा है. इस घटना ने इंसानियत को झकझोर कर रख दिया है.

परिवार की काली कमाई

युवती ने बताया कि उसके पिता और भाई कोई काम नहीं करते थे. पूरा परिवार उसकी और उसकी बहनों की कमाई पर निर्भर था. हर रोज अनजान लोगों को घर पर लाकर उन्हें बेचने का सिलसिला चलता था. जब उसने विरोध किया, तो परिवार ने उसे चेतावनी दी और कहा कि यह उनका समाजिक रिवाज है. लड़की के अनुसार, गांव में इस कुप्रथा का शिकार एक हजार से अधिक लड़कियां हैं.

हिम्मत दिखाकर भागी पीड़िता

14 साल की उम्र में स्कूल की किताबें पकड़ने के बजाय, लड़की को परिवार ने इस व्यापार में धकेल दिया. कई साल की मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना के बाद उसने भागने का निर्णय लिया. बहाना बनाकर कोचिंग जाने की बात कही और जैसे ही घर से बाहर निकली, सीधे भोपाल की बस पकड़ ली और महिला थाने पहुंचकर अपनी सुरक्षा की गुहार लगाई.

समझौता करने के लिए दबाव डालने का आरोप

भोपाल महिला थाना ने मामले को गंभीरता से लिया. युवती के माता, पिता और दो मामाओं के खिलाफ मानव तस्करी, पॉक्सो एक्ट और रेप की साजिश के तहत FIR दर्ज की गई. लड़की को शासकीय संरक्षण में 'गौरवी' संस्था में रखा गया. पीड़िता का आरोप है कि संस्था के लोग उसे परिजनों के साथ समझौता करने के लिए दबाव डाल रहे हैं, जिसे उसने साफ मना कर दिया.

पुलिस-प्रशासन पर खड़े हुए सवाल

युवती ने आरोप लगाया कि रतलाम की पुलिस इस गिरोह के बारे में जानती थी, लेकिन कार्रवाई नहीं की. इसके कारण उसे अपनी जान बचाने के लिए भोपाल आना पड़ा. इस मामले ने स्थानीय प्रशासन और पुलिस की निष्क्रियता पर सवाल खड़े कर दिए हैं. विशेषज्ञ मानते हैं कि इस तरह की घटनाएं समाज में व्याप्त कुप्रथाओं और लापरवाही का परिणाम हैं.

भविष्य की राह और चुनौती

भोपाल पुलिस अब रतलाम पुलिस के साथ मिलकर पूरे गिरोह और समाज में फैली इस अवैध गतिविधि की जड़ तक पहुंचने की कोशिश कर रही है. लड़की ने स्पष्ट किया है कि वह किसी भी हालत में अपने गांव वापस नहीं जाएगी. पुलिस और न्याय व्यवस्था के सामने अब बड़ी चुनौती यह है कि इस तरह के गिरोहों को समाप्त किया जाए और पीड़ितों को सुरक्षा और न्याय मिले.