कर्नाटक हाईकोर्ट ने ट्रांसपोर्ट कर्मचारियों को स्ट्राइक वापस लेने का दिया निर्देश, करोड़ों लोगों के लिए राहत की खबर

कर्नाटक में परिवहन कर्मचारियों की हड़ताल ने राज्य के कई हिस्सों में सार्वजनिक परिवहन को प्रभावित किया था. बस सेवाओं के ठप होने से यात्रियों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा था.

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Gyanendra Sharma

कर्नाटक उच्च न्यायालय के परिवहन हड़ताल वापस लेने के निर्देश का पालन किया गया है. चल रही हड़ताल के संबंध में एक जनहित याचिका (पीआईएल) पर न्यायालय द्वारा नोटिस जारी किए जाने के बाद हड़ताल वापस ले ली गई. यूनियन नेताओं ने दावा किया कि उन्हें सीधे तौर पर कोई नोटिस नहीं मिला था, लेकिन न्यायालय से स्पष्ट निर्देश मिलने के बाद उन्होंने हड़ताल वापस ले ली और कर्मचारियों से काम पर लौटने का आग्रह किया.

कर्नाटक में परिवहन कर्मचारियों की हड़ताल ने राज्य के कई हिस्सों में सार्वजनिक परिवहन को प्रभावित किया था. बस सेवाओं के ठप होने से यात्रियों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा था. स्कूल, कॉलेज, कार्यालय और अन्य दैनिक गतिविधियों के लिए लोग परिवहन के वैकल्पिक साधनों पर निर्भर थे, जिससे कई लोगों का रोजमर्रा का जीवन प्रभावित हुआ. हड़ताल के पीछे कर्मचारियों की मांगें थीं, जिनमें बेहतर वेतन, कार्यस्थल पर सुधार और अन्य सुविधाओं की मांग शामिल थी.

हड़ताल के कारण आम जनता को हो रही परेशानी को देखते हुए कर्नाटक हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई थी. इस याचिका में हड़ताल को अविलंब समाप्त करने और परिवहन सेवाओं को बहाल करने की मांग की गई थी. कोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से लिया और यूनियन नेताओं को हड़ताल समाप्त करने का निर्देश दिया. कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि जनता के हित को प्राथमिकता दी जानी चाहिए और हड़ताल से होने वाली असुविधा को तत्काल दूर करना आवश्यक है.

यूनियन नेताओं ने शुरू में दावा किया कि उन्हें कोर्ट से कोई औपचारिक नोटिस नहीं मिला. हालांकि, जब कोर्ट के स्पष्ट निर्देश सामने आए, तो उन्होंने हड़ताल वापस लेने का फैसला किया. यूनियन नेताओं ने कर्मचारियों से अपील की कि वे तुरंत अपने कर्तव्यों पर लौटें और परिवहन सेवाओं को सुचारू रूप से चलाने में सहयोग करें.