MUDA Scam Case: कर्नाटक हाई कोर्ट ने क्यों CM सिद्धारमैया को जारी किया नोटिस, यहां जानें पूरा मामला
MUDA Scam Case: याचिकाकर्ता के अनुसार, उन्होंने शुरुआत में लोकायुक्त से जांच की मांग इसलिए की थी क्योंकि स्पेशल कोर्ट को सीबीआई जांच का आदेश देने का अधिकार नहीं है. केवल हाई कोर्ट ही इस तरह की जांच के आदेश दे सकता है. अब जब मामला हाई कोर्ट में है, तो उन्होंने सीबीआई जांच की अपील की है.
MUDA Scam Case: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया एक बार फिर चर्चा में हैं. इस बार मामला है मैसूर अर्बन डिवेलपमेंट अथॉरिटी (MUDA) द्वारा प्लॉट आवंटन में कथित गड़बड़ी का. इस मामले को लेकर कर्नाटक हाई कोर्ट ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, उनकी पत्नी बी.एम. पार्वती और अन्य संबंधित लोगों को नोटिस जारी किया है.
MUDA पर आरोप है कि उसने जमीन के आवंटन में अनियमितताएं की हैं. सोशल एक्टिविस्ट स्नेहमयी कृष्णा ने इस पूरे मामले की सीबीआई से जांच करवाने की मांग की थी. लेकिन फरवरी 2025 में एकल न्यायाधीश की पीठ ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया था. इसके खिलाफ उन्होंने डिवीजन बेंच में अपील की, जिस पर अब कार्रवाई शुरू हुई है.
किसे-किसे भेजा गया है नोटिस?
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के अलावा उनकी पत्नी बी.एम. पार्वती, पार्वती के भाई बी.एम. मल्लिकार्जुन स्वामी और जमीन विक्रेता देवराजू जे. को भी नोटिस जारी किया गया है. इसके साथ ही राज्य सरकार, केंद्र सरकार, सीबीआई और लोकायुक्त पुलिस को भी नोटिस भेजा गया है.
क्या है याचिकाकर्ता का तर्क?
स्नेहमयी कृष्णा का कहना है कि लोकायुक्त पुलिस पूरी तरह स्वतंत्र नहीं है, क्योंकि उनके अधीन काम करने वाले पुलिस अधिकारी राज्य सरकार के अधीन ही रहते हैं. जब राज्य सरकार खुद इस मामले में आरोपी है, तो निष्पक्ष जांच की उम्मीद लोकायुक्त पुलिस से नहीं की जा सकती.
अगली सुनवाई कब?
मुख्य न्यायाधीश एन.वी. अंजारिया और न्यायमूर्ति के.वी. अरविंद की पीठ ने इस मामले की अगली सुनवाई 28 अप्रैल तक स्थगित कर दी है. तब तक सभी पक्षों को नोटिस का जवाब दाखिल करना होगा.
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