आतंकी हमले में शहीद मंजूनाथ राव को पुलिस सम्मान के साथ दी गई अंतिम विदाई, शिवमोग्गा में गम का माहौल
शिवमोग्गा में पहलगाम आतंकी हमले में शहीद मंजुनाथ राव को पूरे राजकीय सम्मान के साथ श्रद्धांजलि दी गई. व्यापारियों ने श्रद्धांजलि के तौर पर दुकानें बंद रखीं.
Manjunath Rao Last Rites Pahalgam Attack: शिवमोग्गा में गुरुवार को गम की लहर दौड़ गई जब पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए मंजूनाथ राव का अंतिम संस्कार किया गया. बेटे अभिजय ने तुंगा नदी के किनारे स्थित रोटरी श्मशान में पिता को मुखाग्नि दी.
मंजूनाथ राव का पार्थिव शरीर सुबह 10:30 बजे बेंगलुरु से सड़क मार्ग से शिवमोग्गा पहुंचा. शव यात्रा बेक्किनाकल मठ जंक्शन से शुरू होकर विजय नगर स्थित घर तक पहुंची. रास्ते में लोगों ने एम्बुलेंस रोककर श्रद्धांजलि दी. नेहरू रोड, दुर्गिगुड़ी और गांधी बाजार के व्यापारी भी शोक में अपनी दुकानें बंद रखकर बंद का समर्थन करते दिखे.
पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार
दोपहर 3:30 बजे अंतिम संस्कार हुआ, जिसमें भारी संख्या में लोग शामिल हुए. जनप्रतिनिधि, जिला अधिकारी और परिजन मौजूद रहे. शिवमोग्गा सशस्त्र रिजर्व बल ने राजकीय सम्मान में सलामी दी.
पत्नी पल्लवी ने सुनाई दर्दभरी दास्तां
मंजूनाथ की पत्नी पल्लवी ने बताया कि हमले के वक्त वे पास ही खड़े थे. मंजूनाथ राव कुछ खाने लेने गए थे, तभी फायरिंग शुरू हो गई. 'हमें लगा पटाखे फूट रहे हैं,' उन्होंने कहा. हमलावरों ने हिंदू पहचान पूछी और गोली चला दी. पल्लवी ने बताया, 'मैंने कहा, मुझे भी मारो, तो उन्होंने जवाब दिया – मोदी को बता देना.'
चार मुस्लिमों ने की मदद
पल्लवी ने कहा कि स्थानीय चार मुस्लिमों ने उन्हें अस्पताल पहुंचाया, जिनमें एक ने उनके बेटे को एक मील तक गोद में उठाया. उन्होंने केंद्र सरकार से सख्त कार्रवाई और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की अपील की.